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पिछले दिनों सिक्किम बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी. इसके अलावा पैंगोंग त्सो झील के पास भी तनाव बढ़ गया है, जिसके बाद पूरा नॉर्दन कमांड को हाई अलर्ट पर रखा गया है. LAC पर बढ़ते तनाव के बीच आर्मी प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे हालात का जायजा लेने के लिए लद्दाख पहुंचे.
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के साथ बॉर्डर पर उत्तरी कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वायके जोशी भी मौजूद थे . इसके अलावा इन दोनों के साथ हालात का जायजा लेने के लिए 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट हरिंदर सिंह भी थे.
हालांकि PAL पर बढ़ते तनाव को लेकर आर्मी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थिति को काबू करने के लिए भारत ने भी अतरिक्त सैनिकों की तैनाती की है.
तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के राजनयिक स्तर पर बातचीत भी हो रही है.
बता दें पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पैदा हुए हालिया तनाव के बाद चीन ने गश्त बढ़ा दी है और इस क्षेत्र में ज्यादा नावों को तैनात कर दिया है.
चीन भारत के एक सड़क के निर्माण और एक निश्चित बिंदु से आगे गश्त पर आपत्ति जता रहा है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चीन की गश्ती नौकाओं की संख्या, तीन गुनी ऊपर चली गई है, वो पहले केवल तीन नावों का इस्तेमाल कर रहा था. भारतीय सेना के पास भी झील के 45 किलोमीटर लंबे पश्चिमी हिस्से पर दबदबा कायम रखने के लिए समान संख्या में नावें हैं, ये हिस्सा भारतीय नियंत्रण में हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 5 मई की देर शाम पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों के बीच झड़प और पथराव की घटना हुई थी, जिसमें दोनों ओर से कुछ सैनिक घायल हुए थे. इससे पहले दोनों देशों के सैनिकों के बीच इस तरह की घटना पैंगोंग झील के पास अगस्त 2017 में हुई थी.
बता दें कि भारत-चीन के बीच लंबे समय से 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर विवाद रहा है. यह दोनों देशों के बीच अघोषित सीमा है.
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