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लद्दाख पर चीन- ‘गैर कानूनी तरीके से बनाया गया केंद्र शासित प्रदेश’

भारत की तरफ से सीमा पर बनाए गए पुलों को लेकर तिलमिलाया चीन

क्विंट हिंदी
भारत
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‘भारत के प्रति चीन की पॉलिसी में बदलाव नहीं’
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‘भारत के प्रति चीन की पॉलिसी में बदलाव नहीं’
(फोटो: Wikipedia/KennyOMG)

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चीन और भारत के बीच पिछले कुछ महीनों में हुए विवाद के बाद अब रिश्तों में सुधार की बात हो रही है. लेकिन हर बार कुछ ऐसा होता है, जिससे ये साफ हो जाता है कि रिश्तों में खटास अब भी बरकरार है. अब चीन की तरफ से एक ऐसा बयान सामने आया है, जिससे फिर से विवाद पैदा हो सकता है. चीन ने कहा है कि भारत ने लद्दाख को गैरकानूनी तरीके से केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया है, साथ ही चीन ने लद्दाख में निर्माण को लेकर भी विरोध जताया.

इंफ्रास्ट्रक्चर पर चीन ने उठाए सवाल

दरअसल लद्दाख इलाके में भारत की तरफ से भी अपनी स्थिति मजबूत की जा रही है. इसी क्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में सीमा के पास 44 पुलों का उद्घाटन किया. इनमें से ज्यादातर पुल भारतीय सेना के लिए काफी मददगार हैं और चीन-पाकिस्तान की सीमा के पास हैं. इसीलिए अब चीन एक बार फिर तिलमिला उठा है और उसने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.

चीन के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया कि सीमा पर तैयार होने वाला इंफ्रास्ट्रक्चर ही दोनों देशों के बीच जारी तनाव का असली कारण है. इसी दौरान चीनी प्रवक्ता ने भारत की तरफ से तैयार किए गए पुलों का भी जिक्र किया. इस बयान में अरुणाचल के अलावा चीन ने लद्दाख को भी विवादित करार देने की कोशिश की. प्रवक्ता ने कहा,

“मैं पहले साफ कर देना चाहता हूं कि चीन गैर कानूनी तरीके से बनाए गए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को स्वीकार नहीं करता है. हम इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने का विरोध करते हैं, जिससे सेनाओं के बीच सीमा पर विवाद होता है.”
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सेना के लिए काफी मददगार साबित होंगे नए पुल

बता दें कि भारत की तरफ से जो नए पुल तैयार किए गए हैं, उनसे सेना को एक एडवांटेज मिलेगी. जरूरत पड़ने पर सेना हथियारों और जवानों को सीमा के पास ला सकती है और इसमें वक्त काफी कम लगेगा. इसीलिए चीन की तरफ से इसका विरोध हो रहा है.

वहीं इसी बीच भारतीय सेना की तरफ से बातचीत के बाद एक बयान सामने आया है. जिसमें बताया गया है कि दोनों देश इस बात से सहमत हो चुके हैं कि सीमा पर किसी भी तरह का विवाद न हो. दोनों देशों के नेताओं के बीच जो समझौता हुआ है, उसे लागू किया जाएगा.

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