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भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले कई महीनों से तनाव के हालात बने हुए हैं. लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा भी हुआ, जो पिछले 45 सालों में नहीं हुआ था. पिछले दिनों एलएसी पर 45 साल बाद पहली बार फायरिंग हुई. दोनों देशों की तरफ से एक दूसरे को चेतावनी देने के लिए हवा में फायर किए गए. अब बताया गया है कि पिछले 20 दिनों में तीन बार फायरिंग की घटनाएं हुईं.
वहीं केंद्र सरकार के मंत्री चीनी घुसपैठ को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं. जहां पहले पीएम मोदी ने कहा था कि चीन ने घुसपैठ नहीं की, वहीं रक्षामंत्री ने संसद में बताया कि चीन ने अवैध कब्जा किया है. लेकिन अब गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कह दिया है कि पिछले 6 महीनों में कोई चीनी घुसपैठ नहीं हुई है.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सेना के सूत्रों के हवाले से बताया है कि, पहली बार फायरिंग की घटना तब हुई जब चीनी सेना ने पैंगोंग झील के साउथ इलाके में मौजूद चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की. ये घटनाएं 29 से लेकर 31 अगस्त तक हुई. इसके बाद फायरिंग की दूसरी घटना मुखपरी हाइट के नजदीक 7 सितंबर को हुई. वहीं तीसरी बार फायरिंग इसके ठीक एक दिन बाद यानी 8 सितंबर को पैंगोंग झील के नॉर्थ इलाके में हुई थी.
बताया गया कि इस दौरान दोनों सेनाओं की तरफ से करीब 100 राउंड फायर किए गए, जबकि फायरिंग के दौरान चीनी सेना काफी आक्रामक थी.
बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में चीन ने कई बार भारतीय चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की. लेकिन भारतीय सेना ने उसे ऐसा करने से रोक दिया. अगर चीन उन चोटियों पर कब्जा कर लेता तो उसे भारतीय सेना के हर मूवमेंट की खबर होती. चीन की इस हरकत के बाद भारतीय सेना ने सभी प्रमुख चोटियों पर अपनी स्पेशल फोर्स की तैनाती कर दी है.
संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने 16 सितंबर को कहा कि भारत-चीन सीमा पर पिछले 6 महीने में कोई भी घुसपैठ नहीं हुई है. सांसद अनिल अग्रवाल की तरफ से पाकिस्तानी और चीनी घुसपैठ को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने ये जवाब दिया. जबकि इससे ठीक एक दिन पहले संसद में रक्षामंत्री का बयान कुछ और ही था. रक्षामंत्री ने बताया था कि चीन ने एलएसी पर अवैध कब्जा किया है. उन्होंने कहा था,
चीन लद्दाख में करीब 38,000 sq kms के इलाके पर अवैध कब्जा कर बैठा है. इसके अलावा 1963 के साइनो-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत पाकिस्तान ने PoK में अवैध रूप से कब्जाए 5,180 sq km इलाके को चीन को दे दिया है.
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