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'भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं'- चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद एस. जयशंकर

भारत दौरे पर आये चीनी विदेश मंत्री के साथ उनके भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर ने की तीन घंटे तक बातचीत

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'भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं'- चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद एस. जयशंकर

(फोटो- एस जयशंकर, ट्विटर)

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और उनके चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) के बीच शुक्रवार, 25 मार्च को तीन घंटे की बातचीत हुई. बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बॉर्डर पर जारी तनाव के कारण भारत और चीन के बीच संबंध फिलहाल सामान्य नहीं हैं तथा इसपर अभी भी काम जारी है.

एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर तनाव और रूस-यूक्रेन संकट पर व्यापक बातचीत करने के बाद मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि "अप्रैल 2020 के बाद से चीनी तैनाती से बढ़ रहे तनाव को सामान्य संबंधों नहीं समझा जा सकता है. शांति की बहाली को हो रही बातचीत में पूरी अभिव्यक्ति मिलनी चाहिए"

"अगर आप मुझसे पूछें कि क्या आज हमारे संबंध सामान्य हैं, तो मेरा जवाब है नहीं, यह सामान्य नहीं है. आज हमारा प्रयास इस मुद्दे को पूरी तरह से सुलझाने का है.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत-चीन संबंधो में जरुरत से धीमी हो रही प्रगति- जयशंकर

एस जयशंकर ने आगे जानकारी दी कि "विदेश मंत्री वांग यी के साथ मेरी बातचीत अभी-अभी समाप्त हुई है. हम लगभग तीन घंटे तक मिले और खुले और स्पष्ट तरीके से एक व्यापक एजेंडा पर बातचीत की. हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की जो अप्रैल 2020 में चीनी कार्रवाइयों के कारण बाधित हुए हैं."

उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंध की वर्तमान स्थिति पर काम प्रगति पर है और जितनी जरुरत है उससे धीमी गति पर है.

“जब तक बहुत बड़ी तैनाती है, बॉर्डर पर स्थिति सामान्य नहीं है. दोनों देशों के बीच अभी भी ऐसे क्षेत्र हैं जहां तनातनी चल रही है जबकि पैंगोंग त्सो सहित कुछ तनाव वाले क्षेत्रों को सुलझाने में प्रगति की है. आज हमारी चर्चा इस मुद्दे पर थी कि इसे कैसे आगे बढ़ाया जाए. 15 राउंड की बातचीत हो चुकी है."
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर
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उन्होंने यह भी जानकारी दी कि चीनी विदेश मंत्री के साथ QUAD मीटिंग पर कोई चर्चा नहीं हुई.

मालूम हो कि पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के बाद से लगभग दो वर्षों में भारत और चीन के बीच यह पहली बड़ी बातचीत है. इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने वांग यी से की बातचीत की थी.

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