मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत-चीन रिश्ते: वांग यी के एजेंडे में टॉप पर होगा यूक्रेन और LAC

भारत-चीन रिश्ते: वांग यी के एजेंडे में टॉप पर होगा यूक्रेन और LAC

यूक्रेन पर रूसी बमबारी के बीच नई दिल्ली का रूस से तेल खरीदने को एक बड़ी चिंता के तौर पर देखा जा रहा है.

मनोज जोशी
नजरिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>चीनी विदेश मंत्री वांग यी </p></div>
i

चीनी विदेश मंत्री वांग यी

(फोटोः एपी/पीटीआई)

advertisement

चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi’s India Visit) भारत दौरे पर आ रहे हैं. नई दिल्ली और बीजिंग के रिश्ते साल 2020 के स्प्रिंग सीजन से ही बेहद सर्द हैं. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पांच जगहों पर अपने पैर पसार लिए और भारतीय पेट्रोलिंग गार्ड्स को कुछ विवादित इलाके में पेट्रोलिंग करने से रोक दिया, जहां पहले के समझौते के मुताबिक भारत पेट्रोलिंग करता रहा है.

ये क्षेत्र अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण नहीं हैं. ये इलाके लद्दाख के हाई अल्टीट्यूड पर हैं और आबादी भी नहीं रहती. उनकी सैन्य उपयोगिता भी बहुत सीमित है. लेकिन इन इलाकों पर ना सिर्फ चीन का कब्जा कर लेना बल्कि चीनी शक्ति प्रदर्शन ने भारत को एक्शन लेने पर मजबूर कर दिया. भारत ने भी चीनी सुरक्षाबलों जितनी ही अपने सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी.

चीन का कदम निश्चित तौर पर साल 1993, 1996,2005, 2012 में लिए गए विश्वास बहाली के कदम का उल्लंघन था और इसने इलाके में भरोसे और सहयोग को खत्म किया. इससे LAC पर निगरानी बढ़ानी पड़ी और भारत-चीन संबंधों में भी तनातनी आ गई.

तब से, कई दौर की बातचीत हुई और उसके बाद PLA आखिर में गलवान, पैंगोंग त्सो और कुछ हद तक, गोगरा के पास कुगरांग नदी घाटी से जमीन खाली करने और उन इलाके को "नो-पेट्रोलिंग जोन" के रूप में मानने को तैयार हुई.

वांग यी का हमेशा भारत से एक कनेक्ट रहा है

वांग यी का भारत के साथ हमेशा एक अहम कनेक्शन रहा है. 2000 के शुरुआती साल में उपविदेशमंत्री के तौर पर उन्होंने चीन की तरफ से सिक्किम पर बातचीत की, इसके बाद चीन सिक्किम को भारत का अंग मानने को राजी हुआ.

साल 2020 में संकट के दौरान भी, उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 15 जून की घटना के दो दिनों के भीतर, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें फोन किया और घटना पर "कड़े शब्दों में" विरोध जताया.

उन्होंने कहा कि मुद्दे को सुलझाने की कोशिश के बीच, 'चीनी पक्ष ने LAC के हमारी तरफ गलवान घाटी में एक ढांचा बनाना चाहा‘ और इसी का अंजाम हुई झड़प. गलवान में जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच बात नहीं बनी तो, वांग यी और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने जुलाई की शुरुआत में पहल की और 3 किमी क्षेत्र का एक अलग जोन बनाया.

वांग यी और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच 11 सितंबर 2020 को मॉस्को में हुई बैठक में सेना के हटने को लेकर एक गाइडलाइन तैयार की गई. पांच सूत्री संयुक्त बयान में नए CBM यानि कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर का जिक्र हुआ.

जनवरी 2021 में चीनी अध्ययन के अखिल भारतीय सम्मेलन में विदेश मंत्री, एस जयशंकर ने माना कि भारत-चीन रिश्ते 'असाधारण तनाव' के हालात में थे. उन्होंने कहा कि दोनों ही देश संबंध बेहतर करने के तीन फैक्टर पर सहमत हुए. "एक दूसरे का सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और एक दूसरे का हित."

इस फरवरी में उन्होंने कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध "बहुत कठिन दौर में" हैं और "सीमा पर जो हालात रहेंगे वहीं दोनों देशों के संबंधों को भी तय करेंगे.’
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

लेकिन इसके बाद, वांग ने दूसरे चीनी अफसरों के साथ मिलकर इस नीति को अपनाया है कि चीन-भारत संबंध के अन्य पहलुओं से सीमा विवाद को अलग रखा जाए. मार्च 2021 में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा सीमा विवाद, भारत और चीन संबंधों की 'पूरी कहानी नहीं' है. दोनों देश "एक दूसरे के दोस्त और भागीदार हैं, ना कि एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी और एक दूसरे के लिए खतरा"

कुछ वो बढें, कुछ हम

दोनों देशों के रुख में दूरी तब और साफ हो गई जब दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मंत्रिस्तरीय बैठक में जयशंकर और वांग यी ने अपने-अपने विचार रखे. जयशंकर ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ "शेष मुद्दों" के शीघ्र समाधान की बात कही. उन्होंने ये भी कहा कि भारत के किसी अन्य देश के साथ संबंध को चीन अपने से जोड़कर ना देखे

वांग यी ने "शीघ्र समाधान " की बात को नजरअंदाज कर दिया और कहा कि वो चाहते हैं कि भारतीय पक्ष चीन ने जो कदम बढ़ाए हैं उस पर बात करे और बॉर्डर पर लगातार स्थिरता को बढ़ावा दे. धीरे-धीरे इमरजेंसी में लिए कदम से हटकर रिश्तों में नॉर्मलेसी की तरफ बढ़े.

अब लगता है कि वांग दोनों मिशन पर है. एक आग को धीरे-धीरे बुझाना और साथ ही यूक्रेन पर भारत और पश्चिम के रुख से जो गैप आया है उसका फायदा उठाना.

रूस के यूक्रेन आक्रमण की निंदा करने पर क्वाड में भारत और उसके सहयोगियों के बीच मतभेद सामने आए हैं. यूक्रेन पर रूसी बमबारी के बाद भी रूस से तेल खरीदने की नई दिल्ली की नीति को चिंता के नजरिए से देखा जा रहा है.

रूस-भारत-चीन समूह के विदेश मंत्री पहले की तरह अपनी मुलाकातें करते रहे हैं. वे सितंबर 2020 में मास्को में मिले. पिछले नवंबर में, भारत इस समूह का अध्यक्ष रहा और तीनों वर्चुअली मिले. इसमें एक व्यापक 35-सूत्रीय संयुक्त वक्तव्य यानि ज्वाइंट स्टेटमेंट तैयार हुआ.

डॉक्यूमेंट में एक हद तक उनके संयुक्त वैश्विक नजरिया को बताया गया. यमन में संघर्ष की आलोचना, सीरिया, फिलिस्तीन का समर्थन और लीबिया और कोरियाई प्रायद्वीप में सुलह. इसके अलावा, ईरान के बारे में संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) को फिर से हरकत में लाना, म्यांमार पर आसियान की सहमति और अफगानिस्तान में " समावेशी" सरकार के समर्थन की बात इसमें थी .

लेकिन संयुक्त वक्तव्य (ज्वाइंट स्टेटमेंट) में इंडो-पैसिफिक पर चुप्पी थी, जहां भारत और दूसरे दो देश चीन और रूस में मतभेद हैं. वो इसको पूरी तरह से समावेशी नहीं मानते.

सीमा विवाद सुलझाए बिना रिश्ते सामान्य नहीं- भारत

भारत ने समझ लिया है कि खुले टकराव की बजाय साल 2020 के जिन्न को बोतल में धैर्यपूर्वक रख देना एक बेहतर कूटनीति है. लेकिन देश ने यह भी साफ कर दिया है कि जब तक चीन , पूर्वी लद्दाख के बाकी इलाकों से अपनी नाकेबंदी नहीं हटाता है, तब तक हालात सामान्य नहीं हो सकते.

7 मार्च 2022 को एनपीसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांग ने माना कि भारत-चीन संबंधों को झटका लगा है. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली को चीन के साथ रणनीतिक सहमति बनाने के लिए काम करना चाहिए. कोई भी पक्ष एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं. उनकी स्वतंत्र नीतियां विकास को नई मजबूती दे सकती है. उन्होंने दोनों पक्षों से द्विपक्षीय संबंधों को सही रास्ते पर आगे बढ़ाने का अनुरोध किया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 24 Mar 2022,09:03 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT