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मोदी सरकार ने तिब्बत के अाध्यात्मिक गुरु और नेता दलाई लामा से दूरी बनाकर रखने का निर्देश जारी किया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक केंद्र सरकार ने 22 फरवरी को एक नोट जारी कर अपने और राज्यों के तमाम अधिकारियों को फिलहाल दलाई लामा के कार्यक्रमों से बचने के लिए कहा है.
शुक्रवार को इस मामले में विदेश मंत्रालय की तरफ से सफाई भी जारी की गई. कहा गया कि दलाई लामा पर सरकार की स्थिति बिलकुल साफ और पुरानी ही है और इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि भारत में दलाई लामा को अपनी धार्मिक गतिविधियों को पूरा करने की पूरी आजादी है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक विदेश सचिव विजय गोखले ने कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को ये नोट भेजा था. जिसके चार दिनों के बाद सिन्हा ने इस बारे में वरिष्ठ नेताओं और सरकारी कर्मचारियों को जानकारी दी. इस नोट में कहा गया है कि
साथ ही नोट में ये भी हिदायत दी गई है कि इस वक्त भारत और चीन के बेहतर रिश्ते के लिए दोनों देशों में बातें चल रही हैं. विजय गोखले ने कैबिनेट सचिव को लिखा है,
बता दें कि चीन आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को अलगावादी मानता आया है. चीन के मुताबिक दलाई लामा विभाजनकारी हैं. दलाई लामा को चीन से भारत आए 60 साल हो गए हैं. ऐसे में इन दिनों दलाई लामा के चीन से भारत आने के 60वीं जयंती के सिलसिले में कई कार्यक्रम हो रहे हैं.
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