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कश्मीर, CAA पर मलयेशियाई PM के बयान से खफा है भारत,लेगा एक्शन 

महातिर मोहम्मद के इन बयानों को इस्लामिक देशों का नेतृत्व करने की उनकी महत्वाकांक्षा के तौर पर देखा जा रहा है

क्विंट हिंदी
भारत
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मलयेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद इस्लामिक देशों केो नेतृत्व की महत्वाकांक्षा पाले हुए हैं
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मलयेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद इस्लामिक देशों केो नेतृत्व की महत्वाकांक्षा पाले हुए हैं
(फोटो altered by quint hindi) 

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कश्मीर, सीएए और विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक पर मलेशिया के रुख से नाराज भारत उस पर सीमित कारोबारी प्रतिबंध लगा सकता है. भारत मलेशिया से पाम ऑयल और इलेक्ट्रॉनिक सामानों का आायात रोक सकता है.

मलयेशिया से पाम ऑयल का आयात रोक सकता है भारत

टाइम्स ऑफ इंडिया में सूत्र के हवाले से छपी खबर में कहा गया है भारत मलयेशिया से रिफाइंड और क्रूड पाम ऑयल मंगाना कम कर सकता है या बंद कर सकता है. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सामानों का भी कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. कई मंत्रालय इसकी तैयारी में लगे हैं. भारत ने ऐसा किया तो यह किसी व्यापारिक सहयोगी देश पर उसका पहला प्रतिबंध होगा.

CAA और कश्मीर पर मलयेशियाई पीएम के बयान से नाराज है भारत

मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने, सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट और विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक के मामले में भारत के खिलाफ बयान जारी करते रहे हैं. इससे भारत काफी नाराज है. जाकिर नाईक के खिलाफ एनआईए और ईडी की जांच चल रही है.

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महातिर मोहम्मद के इन बयानों को इस्लामिक देशों के नेतृत्व को लेकर होड़ के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि महातिर मोहम्मद इस्लामी देशों के बीच अपना कद ऊंचा करने और समांतर नेतृत्व की कोशिश के तहत भारत के खिलाफ इस तरह के बयान जारी कर रहे हैं.

इस्लामी देशों में वर्चस्व की लड़ाई

महातिर मोहम्मद ने 19 से 21 दिसंबर (2019) के बीच कुछ महत्वपूर्ण इस्लामिक देशों का सम्मेलन आयोजित किया था. राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित इस सम्मेनलन में पाकिस्तान के शामिल होने और कश्मीर मुद्दा उठाए जाने की बात थी. ईरान भी इस सम्मेलन में शामिल हुआ था. हालांकि ऐन वक्त पर सऊदी अरब ने पाकिस्तान को इस सम्मेलन में जाने से रोक दिया. दरअसल पाकिस्तान सऊदी अरब के अहसान तले दबा है. इसलिए सऊदी अरब के आखिरी वक्त पर मना करने पर वह मान गया.

सऊदी अरब को लगा कि अगर मलयेशिया के कहने पर पाकिस्तान इस सम्मेलन में शामिल होता है तो यह इस्लामी देशों के बीच उसके वर्चस्व को सीधी चुनौती होगी. हालांकि पिछले दिनों सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान कश्मीर पर उसे इस्लामी देशों के विदेश मंत्रियों का सम्मेलन बुलाने का भरोसा दिया है. इसे सऊदी अरब के डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन भारत के लिए यह चिंता की बात होगी क्योंकि सऊदी अरब से भारत के काफी अच्छे संबंध हैं. बहरहाल, भारत ने मलयेशिया के पीएम के विरोधी रुख पर उस पर सीमित कारोबारी प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू कर दी है.

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Published: 09 Jan 2020,09:48 AM IST

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