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भारत और रूस के बीच 28 समझौतों पर हुए हस्ताक्षर, S-400 की सप्लाई शुरू - MEA

"S-400 की सप्लाई इसी महीने शुरू हो गई है और आगे भी होती रहेगी"

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<div class="paragraphs"><p>रूस के राष्ट्रपति पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई</p></div>
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रूस के राष्ट्रपति पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई

फोटो- Twitter/@Bjp4india

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सोमवार, 6 दिसंबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की द्विपक्षीय वार्ता हुई जहां व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर जोर दिया गया. साथ ही वार्ता के बाद विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला (Harsh V Shringla) ने रूस और भारत के बीच हुई S-400 मिसाइल डील को लेकर भी जानकारी दी है.

अमेरिका की नाराजगी के बाद भी रूस और भारत के बीच S-400 मिसाइल को लेकर डील हुई और विदेश सचिव के अनुसार भारत के लिए मिसाइल सिस्टम को रवाना भी कर दिया गया है. उन्होंने कहा, "S-400 की सप्लाई इसी महीने शुरू हो गई है और आगे भी होती रहेगी".

विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन का दौरा छोटे समय के लिए जरूर था लेकिन दोनों देशों के बीच 28 समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं.

रूस के विदेश मंत्री का अमेरिका पर हमला

हर्ष श्रृंगला ने कहा, "तथ्य यह है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने हमारे वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा करने का फैसला किया है, यह इस बात का संकेत है कि वह द्विपक्षीय संबंधों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके व्यक्तिगत संबंधों को कितना महत्व देते हैं."

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रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत और रूस के बीच हुई S-400 मिसाइल डील की प्रशंसा की और अमेरिका के कानून CAATSA (इसके तहत अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है) को लेकर भी कटाक्ष किया था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और रूस के बीच S-400 मिसाइल डील को लेकर जो बातचीत शुरू हुई थी वो CAATSA के अस्तित्व में आने से पहले ही हो गई थी. हालांकि प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है.

CAATSA के बारे में बात करते हुए, हर्ष श्रृंगला ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह मुद्दा आज रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत में आया... साथ ही वैधता का मुद्दा (तालिबान सरकार की वैधता) भी नहीं आया."

आगे हर्श श्रृंगला ने बताया कि, "इस साल, पिछले साल की तुलना में हमारे बीच हुए व्यापार में वृद्धि देखी गई. दोनों पक्ष व्यापार और निवेश में निरंतर वृद्धि की आशा कर रहे हैं." वो कहते हैं, "हमने तेल और गैस के क्षेत्र में साथ-साथ पेट्रोरसायन के क्षेत्र में और निवेश करने में रुचि व्यक्त की है."

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