advertisement
15 अगस्त को अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल पर तालिबान (Taliban in Afghanistan) ने कब्जा कर लिया. इसके बाद हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन अमेरिकी और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) बलों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है. भारत लगातार वहां से अपने नागरिकों को निकाले की कोशिश कर रहा है. काबुल से 107 भारतीय समेत 168 लोगों को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान हिंडन एयरबेस पहुंच गया है. वायुसेना के C-17 एयरक्राफ्ट में भारतीयों को लाया गया. दोहा से भी एयर इंडिया का एक विमान 87 भारतीयों को लेकर भारत पहुंचा.
भारतीयों नागरिकों को शनिवार को भारतीय वायु सेना (IAF) के एक विमान से काबुल एयरपोर्ट से ताजिकिस्तान की राजधानी Dushanbe ले जाया गया.
22 अगस्त को, भारतीय वायु सेना (IAF) के एक C-17 विमान ने भी काबुल से 168 अन्य लोगों के साथ उड़ान भरी, जिसमें 107 भारतीय और कुछ 20 अफगान सिख और हिंदू शामिल थे. अफगानिस्तान के सांसद नरेंद्र सिंह खालसा सी-17 विमान में सवार 23 अफगान सिखों में शामिल हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने ट्वीट में बताया कि 107 भारतीय नागरिकों सहित 168 यात्रियों के साथ IAF स्पेशल विमान काबुल से दिल्ली के रास्ते में है.
बागची ने इसके पहले भी ट्वीट किया था कि काबुल से एयर इंडिया AI 1956 फ्लाइट 87 भारतीयों को लेकर ताजिकिस्तान से नई दिल्ली के लिए आ रही है. इसमें दो नेपाली नागरिकों को भी लाया जा रहा है.
वहीं, दूसरी ओर कतर के भारतीय दूतावास ने अलग से कहा गया कि पिछले दिनों काबुल से दोहा लाए गए 135 भारतीयों को भारत भेजा जा रहा है. दूतावास के हैंडल से ट्वीट के माध्यम से इस बात की जानकारी दी गई.
तालिबान द्वारा 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद, भारत ने भारतीय वायु सेना के दो सी-17 विमानों में भारतीय दूत और काबुल में अपने दूतावास के अन्य कर्मचारियों सहित अपने 200 नागरिकों को पहले ही निकाल लिया था. पहली निकासी फ्लाइट 16 अगस्त, को 40 से अधिक लोगों को वापस लाया गया, जिनमें ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मचारी थे. दूसरे निकासी में सी-17 विमान ने मंगलवार को काबुल से भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों, पत्रकारों और कुछ फंसे भारतीयों समेत करीब 150 लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
प्रारंभिक निकासी के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अब ये सुनिश्चित करना है कि अफगानिस्तान की राजधानी से सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया जा सके. यह भी कहा है कि सरकार की पहली प्राथमिकता अफगानिस्तान में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना है. इस संबंध में भारतीयों से कहा गया है कि वो अपने विवरण साझा करें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)