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लगातार चौथी बार इंडिया टुडे-कार्वी मूड ऑफ द नेशन सर्वे के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 'भारत के सबसे अच्छे मुख्यमंत्री' बने हैं. इस सर्वे के नतीजे 21 जनवरी को सार्वजानिक किए गए.
लगभग एक हफ्ते पहले ABP CVoter स्टेट ऑफ द नेशन पोल में आदित्यनाथ को नेट सैटिस्फैक्शन के मामले में 15वें सबसे पॉपुलर मुख्यमंत्री बताया गया था. इस पोल में वो नेशनल एवरेज से नीचे थे. इस पोल के मुताबिक, ओडिशा के नवीन पटनायक टॉप पर थे.
तो इन दो सर्वे से दो सवाल उठते हैं:
आइए इन सवालों के जवाब ढूंढते हैं.
इंडिया टुडे-कार्वी के सर्वे की आलोचना करने वाले कई लोगों ने सैंपल साइज पर फोकस किया है. ABP-CVoter का सैंपल साइज 30,000 से ज्यादा था, जबकि इंडिया टुडे के सर्वे का सैंपल साइज 12,232 था.
सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटी के डॉ संजय कुमार जैसे एक्सपर्ट्स पहले कह चुके हैं कि नेशनल सर्वे के लिए 12,000 का सैंपल साइज बुरा नहीं है, जब तक कि उसमें जेंडर, कास्ट, इनकम लेवल, रिलिजन, लिटरेसी, ऐज जैसे फैक्टर्स का ठीक प्रतिनिधित्व हो.
दिक्क्त सैंपल साइज में इतनी नहीं है, लेकिन तरीके में है.
इंडिया टुडे-कार्वी पोल में लोगों से पूछा गया कि उनके मुताबिक 'देश में सबसे अच्छा मुख्यमंत्री' कौन है.
इंडिया टुडे-कार्वी ने जो तरीका अपनाया था, वो तीन वजहों से साइंटिफिक नहीं है:
स्तंभकार शिवम विज ने इस दिक्कत को सार्वजानिक किया था. एक आर्टिकल में उन्होंने लिखा, "ये रैंकिंग मुख्यमंत्री के अपने राज्य में पॉपुलैरिटी को नहीं दिखाती है. हो सकता है कि एक सीएम अपने राज्य में अच्छा कर रहा हो लेकिन नेशनल पोल में रैंक खराब हो सकती है क्योंकि हर मुख्यमंत्री रेस में है."
ABP-CVoter सर्वे सीएम की पॉपुलैरिटी ज्यादा ठीक तरह से बयां करता है. इसमें लोग अपने सीएम के बारे में ही बताते हैं.
इस पोल के मुताबिक, यूपी में 44.7% लोगों ने कहा कि वो योगी से 'काफी संतुष्ट' हैं, 22.8% ने कहा कि वो 'थोड़े बहुत संतुष्ट' हैं, जबकि 32.1% ने कहा कि वो 'बिलकुल संतुष्ट' नहीं हैं. योगी की नेट अप्रूवल 35.4 थी. मुख्यमंत्रियों के लिए नेशनल औसत 42.8 था, तो आदित्यनाथ की औसत पॉपुलैरिटी अपने राज्य में कम थी.
सात बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री समेत 14 राज्यों के मुख्यमंत्री उनसे आगे थे. केवल सात ही उनसे नीचे थे.
इंडिया टुडे का सर्वे संकेत देता है कि योगी आदित्यनाथ शायद देशभर के बीजेपी समर्थकों में पॉपुलर हैं. ये चौंकाने वाला नहीं है. इंडिया टुडे पोल में योगी को दो तरह के लोगों से सपोर्ट मिल सकता है:
ये साफ है कि योगी की पॉपुलैरिटी बीजेपी समर्थकों में अपने राज्य से बाहर भी है और एक पीआर कैंपेन भी है जो उन्हें नेशनल लीडर के तौर पर दिखाता है.
कई तरह से ये 2014 से पहले के समय जैसा है, जब तत्कालीन गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने अपने राज्य के बहार भी बीजेपी समर्थकों का ध्यान खींचा था.
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