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कोयंबटूर (Coimbatore) में हुए कथित बलात्कार मामले में भारतीय वायु सेना (IAF) के चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी का बयान आया है. 5 अक्टूबर को उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी घटना पर भारतीय वायुसेना का कानून बहुत सख्त है और रेप सर्वाइवर का कोई ‘टू-फिंगर टेस्ट’ (two-finger test) नहीं किया गया था.
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के अधिकारियों पर कोयंबटूर एयर फोर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कॉलेज की एक ऑफिसर पर गैरकानूनी 'टू-फिंगर टेस्ट' करने का आरोप लगा है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने 30 सितंबर को यह रिपोर्ट प्रकाशित की थी.
'टू-फिंगर टेस्ट' का इस्तेमाल पहले यौन हिंसा के मामलों में महिला का रेप हुआ है या नहीं, इसकी जांच के लिए किया जाता था.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक IAF के चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि,
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार IAF प्रमुख ने कहा कि जांच की रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
यौन हिंसा की घटना कथित तौर पर 10 सितंबर को हुई थी. महिला ऑफिसर के बैचमेट अमितेश हरमुख ने दिन में नशे की हालत में उसके क्वार्टर में घुसकर कथित तौर पर रेप किया था.
वायु सेना अस्पताल में बलात्कार का पता लगाने के लिए महिला ऑफिसर का कथित तौर पर अवैज्ञानिक 'टू-फिंगर टेस्ट' किया गया था. जबकि इस टेस्ट को 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने बैन कर दिया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार महिला ऑफिसर ने FIR में कहा कि “बाद में ही मुझे पता चला कि रेप के टेस्ट के लिए टू-फिंगर टेस्ट नहीं किया जाना चाहिए. इसने मेरे रेप के सदमे को फिर से ताजा कर दिया."
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