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कोयंबटूर रेप केस| महिला ऑफिसर के आरोप पर एयरफोर्स चीफ: 'टू-फिंगर टेस्ट नहीं हुआ'

वायुसेना के अधिकारियों पर रेप सर्वाइवर महिला ऑफिसर ने गैरकानूनी 'टू-फिंगर टेस्ट' करने का आरोप लगाया है

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भारत
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<div class="paragraphs"><p> कोयंबटूर रेप केस</p></div>
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कोयंबटूर रेप केस

(फोटो: Lijumol Joseph/The Quint)

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कोयंबटूर (Coimbatore) में हुए कथित बलात्कार मामले में भारतीय वायु सेना (IAF) के चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी का बयान आया है. 5 अक्टूबर को उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी घटना पर भारतीय वायुसेना का कानून बहुत सख्त है और रेप सर्वाइवर का कोई ‘टू-फिंगर टेस्ट’ (two-finger test) नहीं किया गया था.

गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के अधिकारियों पर कोयंबटूर एयर फोर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कॉलेज की एक ऑफिसर पर गैरकानूनी 'टू-फिंगर टेस्ट' करने का आरोप लगा है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने 30 सितंबर को यह रिपोर्ट प्रकाशित की थी.

महिला ऑफिसर ने वायुसेना के अधिकारियों पर फ्लाइट लेफ्टिनेंट के खिलाफ शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर करने का भी आरोप लगाया, जिसने कतिथ तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया था.

'टू-फिंगर टेस्ट' का इस्तेमाल पहले यौन हिंसा के मामलों में महिला का रेप हुआ है या नहीं, इसकी जांच के लिए किया जाता था.

हम नियमों से अच्छी तरह वाकिफ हैं- चीफ एयर मार्शल

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक IAF के चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि,

"IAF कानून ऐसी किसी भी घटना पर बहुत सख्त है. महिला अधिकारी पर टू-फिंगर टेस्ट की खबर गलत है. कोई टू-फिंगर टेस्ट नहीं किया गया था. हम नियमों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और सभी उचित कार्रवाई की जाएगी"

समाचार एजेंसी PTI के अनुसार IAF प्रमुख ने कहा कि जांच की रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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क्या है मामला और क्यों है विवाद ?

यौन हिंसा की घटना कथित तौर पर 10 सितंबर को हुई थी. महिला ऑफिसर के बैचमेट अमितेश हरमुख ने दिन में नशे की हालत में उसके क्वार्टर में घुसकर कथित तौर पर रेप किया था.

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार वायु सेना के अधिकारियों और कॉलेज कमांडेंट 20 सितंबर तक कार्रवाई करने में विफल रहे जबकि उन्हें अपराध की जानकारी दी गयी थी. इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज की गई.

वायु सेना अस्पताल में बलात्कार का पता लगाने के लिए महिला ऑफिसर का कथित तौर पर अवैज्ञानिक 'टू-फिंगर टेस्ट' किया गया था. जबकि इस टेस्ट को 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने बैन कर दिया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार महिला ऑफिसर ने FIR में कहा कि “बाद में ही मुझे पता चला कि रेप के टेस्ट के लिए टू-फिंगर टेस्ट नहीं किया जाना चाहिए. इसने मेरे रेप के सदमे को फिर से ताजा कर दिया."

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Published: 05 Oct 2021,04:49 PM IST

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