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इंडियन एयर फोर्स के लापता विमान का 7 साल बाद मलबा कैसे मिला?

2016 में रहस्यमयी तरीके से लापता हुए भारतीय वायु सेना के विमान में 29 लोग सवार थे.

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<div class="paragraphs"><p>प्रतीकात्मक फोटो&nbsp;</p></div>
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प्रतीकात्मक फोटो 

(फोटो:पीटीआई)

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आज से सात साल पहले 2016 में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) का एक विमान रहस्यमयी तरीके से लापता हो गया था. इस विमान में 29 लोग सवार थे और इसे ढूंढने के लिए 54 दिनों तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया. लेकिन इसका कोई पता नहीं लग पाया. अब इस घटना के 7 साल बाद शुक्रवार, 12 जनवरी को अचानक से इस विमान के मलबे मिले हैं.

चलिए आपको विस्तार से बताते हैं एयरफोर्स का विमान कब, कैसे और कहां गुम हो गया और अब अचानक से कैसे मिल गया?

कैसे खो गया था विमान? 

भारतीय वायुसेना का लापता हुआ यह विमान एएन-32 था. दो इंजन वाला यह विमान 22 जुलाई, 2016 को बंगाल की खाड़ी के ऊपर रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था. इस विमान ने उस दिन सुबह लगभग 8:30 बजे चेन्नई के तांबरम वायु सेना स्टेशन से उड़ान भरी थी और उसे दोपहर के आसपास अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर पहुंचना था.

लेकिन वायु सेना के अधिकारियों के साथ विमान का रडार संपर्क टूट गया. विमान के उड़ान भरने के 42 मिनट यानी सुबह लगभग 9 बजकर 12 मिनट पर रडार से इसका संपर्क टूटा. इस समय विमान चेन्नई से लगभग 280 किलोमीटर पूर्व दिशा में था.

इस विमान में कुल 29 लोग सवार थे, जिनमें - 6 चालक दल के सदस्य थे, 11 वायु सेना के कर्मी थे, दो भारतीय सेना के जवान थे, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के एक-एक जवान, और नौसेना आयुध डिपो के साथ काम करने वाले आठ डिफेंस सिविलियन शामिल थे.

विमान के लापता होने की सूचना जैसे ही अधिकारियों को मिली उसके बाद विमान की खोजबीन शुरू हो गई. ये सर्च ऑपरेशन भारत का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन में से एक बन गया. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के जवानों ने विमान का पता लगाने के लिए सबमरीन, जहाजों और कई विमानों का इस्तेमाल किया.

फिर 1 अगस्त, 2016 को यह पुष्टि कर दी गई कि विमान में कोई अंडरवॉटर लोकेटर बीकन नहीं था.

अंडरवॉटर लोकेटर बीकन क्या होता है? अंडरवॉटर लोकेटर बीकन एक डिवाइस है जिसकी मदद से रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन की टीम को क्रैश हुए प्लेन को ढूंढने में मदद मिलती है. इस डिवाइस से एकॉस्टिक पल्स एमिट होती है जिसकी मदद से सर्च ऑपरेशन टीम को पता लगता है कि डूबा हुआ प्लेन कहां है.

लेकिन इस मामले में सर्च ऑपरेशन टीम को निराशा ही हाथ लगी और बचाव अभियान को 15 सितंबर, 2016 को बंद कर दिया गया. विमान में जो लोग सवार थे उन सभी को मृत मान लिया गया था.
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अब कैसे मिला मलबा?

लेकिन फिर लगभग सात साल बाद 12 जनवरी 2024 को भारतीय वायु सेना के लापता विमान का मलबा मिल जाता है.

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान का मलबा मिल गया है.

रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, चेन्नई तट से लगभग 310 किलोमीटर दूर समुद्र तल पर लापता विमान का पता लगाने के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओशन ने एक ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल यानी AUV का इस्तेमाल किया है.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मल्टी-बीम सोनार, सिंथेटिक अपर्चर सोनार और हाई-रिजॉल्यूशन फोटोग्राफी सहित कई पेलोड का इस्तेमाल करके 3,400 मीटर की गहराई पर मलबे की खोज की गई है.

आधिकारिक बयान के अनुसार, “सर्च इमेजेज की जांच की गई और पाया गया कि वे इमेजेज एएन-32 विमान के जैसे ही हैं. दुर्घटना स्थल पर किसी अन्य लापता विमान की रिपोर्ट का कोई इतिहास नहीं है इसलिए ये मलबा संभवतः दुर्घटनाग्रस्त IAF An-32 (K-2743) का ही है."

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