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10 सितंबर को अंबाला एयर बेस पर भारतीय वायु सेना में पांच राफेल (Rafael) विमानों को औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा. बता दें कि प्रोग्राम की शुरुआत 10.15 बजे से होगी. इस खास मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh), सीडीएस बिपिन रावत और भारतीय वायुसेना (IAF) के चीफ आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे. फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली राफेल विमानों के वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल होने के कार्यक्रम में चीफ गेस्ट हैं.
भारत में राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस आया था. इस बेड़े में 5 विमान आए थे, जिन्होंने फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी थी.
ये विमान लगभग 7000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अंबाला पहुंचे थे, बीच में ये संयुक्त अरब अमीरात में रुके थे. भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉ एविएशन से 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था. इन 36 विमानों में से 30 विमान लड़ाकू, जबकि छह प्रशिक्षक विमान हैं.
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राफेल में हर वो चीज है, वो मल्टी रोल लड़ाकू विमान है, जिसकी भारत को सालों से जरूरत थी और वाकई सालों लग गए. भारत को 4.5 जेनरेशन मल्टी रोल लड़ाकू विमान की तलाश 2004 से ही थी. लक्ष्य था हम 2011 तक इसे हासिल कर लें. लेकिन लग गए 16 साल. आज भी इनकी संख्या सिर्फ 5 है. राफेल डील में हम दस साल लेट हो गए. दूसरी बात हमने सिर्फ 36 विमानों का सौदा किया है.
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