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समलैंगिक सेक्स से कानूनी जंजीर हटी, इकनॉमी को कैसे मिलेगा फायदा

कोर्ट केफैसला का असर देश की इकोनॉमी पर भी दिख सकता है.

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भारत
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इंडियन इकोनॉमी को सालाना 26 अरब डॉलर फयदा की उम्मीद
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इंडियन इकोनॉमी को सालाना 26 अरब डॉलर फयदा की उम्मीद
(फोटोः द क्विंट)

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सहमति से समलैंगिक सेक्स भारत में अब अपराध नहीं रह गया है और इस खबर से मल्टीनेशल कंपनियों और कॉरपोरेट बहुत उत्साहित हैं.

दरअसल वर्ल्ड बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत में समलैंगिकों पर जिस तरह की पाबंदियां हैं उससे वहां की जीडीपी को 1.25 से 1.5 परसेंट का नुकसान हो रहा है. लेकिन अब सहमति से समलैंगिक सेक्स अपराध की कैटगरी से बाहर हो गया है.

इकोनॉमी को सालाना 26 अरब डॉलर का फायदा होगा

वर्ल्ड बैंक के लिए स्टडी करने वाले इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर ली बैजेट ( Lee Badgett ) का दावा किया था कि भारत में समैलंगिकों के साथ भेदभाव होने से जीडीपी को सालाना जीडीपी में 1.4 फीसदी का नुकसान होता है. लेकिन बदले हालात अब उम्मीद की जा रही है कि जीडीपी में सालाना 26 अरब डॉलर का फायदा हो सकता है.

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धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला(फोटो: Twitter)

बढ़ेंगे विदेशी पर्यटक, इकोनॉमी पर दिखेगा असर

देश में बहुत कम कंपनियां एलजीबीटी कम्युनिटी के लोगों को नौकरी के मौके दे रही थीं. लेकिन ललित होटल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर केशव सूरी का कहना है कि कोर्ट के इस फैसले से धीरे धीरे बड़ा बदलाव आएगा जिसका आर्थिक असर बहुत अच्छा होगा.

“अब देश में विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी काफी इजाफा होगा. साथ ही दुनिया के विभिन्न देशों में रहने वाले एलजीबीटी समुदाय के लोग अब बेहिचक भारत आ सकते हैं. क्योंकि उन्हें अब इस बात का डर नहीं होगा कि भारत में समलैंगिकों के साथ किसी तरह का भेदभाव या गलत व्यवहार होगा. 
केशव सूरी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, ललित होटल ग्रुप

केशव सूरी उन याचिकाकर्ताओं में शामिल थे जिन्होंने समलैंगिक सेक्स को अपराध की कैटगरी से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था.

(इनपुटः ब्लूमबर्ग क्विंट)

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