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सहमति से समलैंगिक सेक्स भारत में अब अपराध नहीं रह गया है और इस खबर से मल्टीनेशल कंपनियों और कॉरपोरेट बहुत उत्साहित हैं.
दरअसल वर्ल्ड बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत में समलैंगिकों पर जिस तरह की पाबंदियां हैं उससे वहां की जीडीपी को 1.25 से 1.5 परसेंट का नुकसान हो रहा है. लेकिन अब सहमति से समलैंगिक सेक्स अपराध की कैटगरी से बाहर हो गया है.
वर्ल्ड बैंक के लिए स्टडी करने वाले इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर ली बैजेट ( Lee Badgett ) का दावा किया था कि भारत में समैलंगिकों के साथ भेदभाव होने से जीडीपी को सालाना जीडीपी में 1.4 फीसदी का नुकसान होता है. लेकिन बदले हालात अब उम्मीद की जा रही है कि जीडीपी में सालाना 26 अरब डॉलर का फायदा हो सकता है.
देश में बहुत कम कंपनियां एलजीबीटी कम्युनिटी के लोगों को नौकरी के मौके दे रही थीं. लेकिन ललित होटल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर केशव सूरी का कहना है कि कोर्ट के इस फैसले से धीरे धीरे बड़ा बदलाव आएगा जिसका आर्थिक असर बहुत अच्छा होगा.
केशव सूरी उन याचिकाकर्ताओं में शामिल थे जिन्होंने समलैंगिक सेक्स को अपराध की कैटगरी से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था.
(इनपुटः ब्लूमबर्ग क्विंट)
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