advertisement
भारतीय रेलवे (Indian Railways) को आए दिन ट्रेन से हाथी के टकराने पर नुकसान उठाना पड़ता है. ट्रेन और हाथी की टक्कर रोकने के लिए, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा ऐलान किया है. रेलवे, 'गजराज' नाम के सॉफ्टवेयर बनाएगा, जिसकी मदद से ट्रेन और हाथियों के बीच होने वाली टक्कर को रोका जा सकेगा.
'गजराज' एक AI आधारित सॉफ्टवेयर होगा, जो रेल पटरियों पर या उसके आस-पास किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में लोकोमोटिव पायलट को सचेत करेगा. इसमें ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) का उपयोग किया जाएगा. यह एक स्वदेशी सॉफ्टवेयर है.
असम में इस सॉफ्टवेयर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है.
'गजराज' सॉफ्टवेयर 181 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर अगले आठ महीनों के भीतर कई राज्यों में 700 किलोमीटर के हाथी बाहुल्य इलाकों में इंस्टॉल किया जाएगा.
BsinessToday की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘Gajraj’ की कार्यक्षमता के बारे में बताते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि AI और OFC का उपयोग करते हुए, यह सॉफ्टवेयर ट्रेन की पटरियों के 200 मीटर के दायरे में किसी भी संदिग्ध गतिविधि के होने पर अलर्ट ट्रिगर करता है.
रेल के साथ हाथियों की आवाजाही के कारण होने वाले कंपन OFC के जरिए किए गए ऑप्टिकल संकेतों में भिन्नता पैदा करते हैं, जो एक संभावित खतरे का संकेत देते हैं. सॉफ्टवेयर इन सिग्नलों को एक्टिविटीज के संकेतों के रूप में पहचानता है. इससे खास तौर पर हाथियों, अन्य जानवरों और लोगों की उपस्थिति का पता चलता है.
केंद्रीय मंत्री ने किसी स्थान पर मौजूद जानवरों की गतिविधि के प्रकार और संख्या को समझने की सॉफ्टवेयर की क्षमता के बारे में भी बताया.
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में ट्रेन एक्सीडेंट्स की वजह से 45 हाथियों की मौत हुई है. हाल ही में, पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में एक मालगाड़ी से हुई टक्कर में एक मां और उसके दो बछड़ों सहित तीन हाथियों की जान चली गई.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, असम, केरल, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों और तमिलनाडु में इन AI-संचालित प्रणालियों को स्थापित करने की योजना का ऐलान किया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)