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भारतीय रेलवे (Indian Railways) से सफर करने वाले यात्रियों को लिए हमेशा इस बात की फिक्र लगी रहती है कि कहीं ट्रेन छूट ना जाए. ट्रेन टिकट कन्फर्म होने के बाद भी कभी-कभी यात्री ट्रेन छूट जाने की वजह से सफर करने से चूक जाते हैं. इसमें कभी-कभी तो यात्रियों के कुछ पर्सनल कारण भी होते हैं लेकिन अगर ट्रेन छूटने की वजह भारतीय रेलवे खुद है, तो ऐसी स्थिति में क्या होगा? जानेंगे इस आर्टिकल में...
आप ट्रेन से सफर कर रहे हैं और किसी कनेक्टिंग ट्रेन का टिकट बुक किया है और अगर पहली ट्रेन की देरी से चलने की वजह से दूसरी ट्रेन छूट जाती है, तो ऐसे मौकों के लिए रेलवे ने नियम बनाया है. इस स्थिति में यात्री अपना पूरा पैसा रेलवे से वापस मांग सकता है.
IRCTC की एक नई पहल के तहत ट्रेन छूटने के बाद यात्री अपने टिकट का पैसा वापस पा सकते हैं. रेलवे कनेक्टिंग यात्रियों को कनेक्टिंग ट्रेनों के लिए PNR लिंक करने की अनुमति देती है, जिससे आसान और जल्दी रिफंड मुमकिन हो जाता है.
टिकट बुक करते वक्त किए गए पेमेंट का पूरा पैसा वापस पाने के लिए यात्रियों को TDR यानी टिकट डिपोजिट रिसिप्ट भरना होता है. क्योंकि ट्रेन से सफर करने वाली सभी यात्रियों के टिकट और नाम की जानकारी के साथ ट्रेन के डिपार्चर के चार घंटे पहले चार्ट तैयार कर दिया जाता है. इसलिए कनेक्टिंग ट्रेन के छूट जाने के बाद टिकट कैंसिल नहीं करवाया जा सकता है और ऐसी स्थिति में सिर्फ TDR के जरिए ही यात्रा कैंसिल करते हुए पैसा वापस लिया जा सकता है.
टिकट डिपोजिट रिसिप्ट सबमिट करते वक्त यात्री को सफर ना करने या ट्रेन छूटने की वजह बतानी होती है और रेलवे के नियमों के मुताबिक TDR सबमिट करके रेलवे रिफंड प्राप्त करना होता है. erail.in के मुताबिक चार्टिंग स्टेशन से ट्रेन छूटने के एक घंटे के अंदर ही TDR दाखिल करना होता है. यात्री एक घंटे का वक्त गुजरने के बाद टीडीआर नहीं सबमिट कर सकते हैं.
IRCTC अकाउंट में लॉग इन करें.
Booked Ticket History पर क्लिक करें.
इसके बाद बुक किए गए टिकट्स और यात्री की तारीखें दिखेंगी.
उस PNR को सेलेक्ट करें, जिसके लिए TDR फाइल करना है और File TDR बटन पर क्लिक करें.
TDR रिफंड का क्लेम करने के लिए टिकट डिटेल्स से यात्री का नाम सेलेक्ट करें.
लिस्ट बॉक्स से ट्रेन छूटने की वजह सेलेक्ट करें या खुद से टाइप करें.
Submit बटन पर क्लिक करें.
अगर वजह के लिए Other विकल्प चुना गया होगा, तो नया टेक्स्ट बॉक्स खुलेगा.
इसके बाद Submit बटन पर क्लिक करें.
इसके बाद TDR भरने के लिए कन्फर्मेशन पेज खुलेगा.
अगर सारी जानकारी सही है, तो OK पर क्लिक करें.
इसके बाद सफलतापूर्वक TDR भरा जा चुका होगा.
TDR एंट्री का कन्फर्मेशन पेज दिखेगा, जिसमें PNR नंबर, ट्रांजैक्शन ID, रिफ्रेंस नंबर और TDS स्टेटस सहित सभी जानकारियां शामिल होंगी.
यह इस बात पर डिपेंट करता है कि आपने TDR के लिए आवेदन क्यों किया है. जैसे-
अगर आपने "Train late than 3 hours and passenger not travelled" के लिए TDR भरा है तो करीब 45 दिनों में लागत का पूरा रिफंड मिल जाएगा
अगर आपने "Ticket converted from wait list to RAC and passenger not travel" के लिए TDR भरा है, तो आपको 7 दिनों में रिफंड मिल जाएगा. इसमें भी पूरा पैसा वापस मिलता है.
अगर ट्रेन में AC के ठीक से नहीं चलने की स्थिति में आपने TDR भरा है, तो ऐसी स्थिति में रिफंड मिलने में एक साल का वक्त भी लगता है.
यहां यह बात जानना बेहद जरूरी है कि TDR ऐप्लीकेशन को जोनल मैनेजर की मंजूरी की जरूरत होती है. जल्दी या देर में रिफंड मिलना, TDR भरते वक्त बताए गए कारण पर निर्भर करता है. बता दें कि कुछ स्थितियों में TDR खारिज भी हो जाता है.
TDR दाखिल करने की प्रक्रिया केवल तभी की जा सकती है, जब यूजर किसी/या नीचे दी गई वजहों से यात्रा नहीं कर सका...
अगर भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेन रद्द की गई
तीन घंटे से ज्यादा देरी से ट्रेन आने पर
फेयर के मुताबिक सही कोच नहीं मिलने पर
AC खराब होने
सही ID प्रूफ के बिना यात्रा करने पर
TTE द्वारा गलत व्यवहार करने या गलत पैसा लेने पर
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