रेलवे के निजीकरण की तैयारी, अब IRCTC चलाएगी दो ट्रेनें

रेलवे ने दो ट्रेनों की कमान IRCTC को सौंपने का फैसला लिया है.

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भारत
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IRCTC को 3 साल के लिए चलाने के लिए दी जाएंगी ट्रेनें
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IRCTC को 3 साल के लिए चलाने के लिए दी जाएंगी ट्रेनें
(फोटो: iStock)

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कुछ खास ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने की कवायद के तहत, रेलवे ने दो ट्रेनों की कमान IRCTC को सौंपने का फैसला लिया है. अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल और दिल्ली-लखनऊ के बीच चलने वालीं तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों को प्रयोग के तौर पर IRCTC को सौंपा जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक, इन ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर लगाया जाएगा, जिसे IRCTC तय करेगा. रेलवे में फ्लेक्सी फेयर स्कीम साल 2016 में शुरू की गई थी. इसके तहत, देश की करीब 142 प्रीमियम ट्रेन, जैसे शताब्दी, दूरंतो और राजधानी में, 10 प्रतिशत सीट बिकने के साथ-साथ, किराये में भी 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है. केवल एसी फर्स्ट क्लास और एग्जीक्यूटिव क्लास में फ्लेक्सी फेयर नहीं लगता.

IRCTC की ट्रेनों में क्या होगा अलग?

  • तीन साल के लिए रेलवे की टूरिज्म और केटरिंग सब्सिडियरी को सौंपी जाएंगी ट्रेनें.
  • इन ट्रेनों में कोई छूट, विशेष सुविधा या ड्यूटी पास की इजाजत नहीं दी जाएगी.
  • IRCTC को सौंपी गई ट्रेनों में टिकट की जांच रेलवे स्टाफ नहीं करेगा.
  • हालांकि, ट्रेनों को रेलवे के ऑपरेटिव स्टाफ (लोको, पायलट और स्टेशन मास्टर्स) ही ऑपरेट करेंगे.
  • ट्रेनों में मिलने वाली सुविधाएं शताब्दी ट्रेनों जैसी होंगी.
  • IRCTC के पास होगा ट्रेनों के अंदर और बाहर विज्ञापन देने का अधिकार होगा.
  • ट्रेनों की ब्रांडिंग का अधिकार भी होगा IRCTC के पास.
  • रेक की सुरक्षा को प्रभावित किए बिना अंदर संशोधन भी कर सकती है IRCTC.
  • दोनों ट्रेनों में होंगे 18 कोच.
  • हफ्ते में छह दिन चलेंगी दोनों ट्रेनें.
  • एक साल के लिए 12 कोच की ट्रेनें चलाएगी IRCTC.
  • दोनों ट्रेनों के रेवेन्यू अकाउंट को अलग-अलग रखा जाएगा.
  • ढुलाई शुल्क का हिसाब प्रति ट्रिप पर लगाया जाएगा.
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किसी दुर्घटना में रेलवे की तरह ही मिलेगी मदद

टिकट बुकिंग के लिए एक साल तक IRCTC रेलवे के ही वेब पोर्टल का इस्तेमाल करेगी. रेलवे बोर्ड ने हालांकि IRCTC को साथ-साथ अपना टिकट सिस्टम बनाने के लिए भी कहा है.

वहीं, कोई भी दुर्घटना होने पर पैसेंजरों को वही सुविधाएं दी जाएंगी, जो रेलवे के पैसेंजर्स को मिलती हैं. IRCTC के पैसेंजर्स एक्सीडेंट में क्लेम के लिए भी योग्य होंगे. पैसेंजर्स को सभी तरह की मदद मुहैया कराई जाएगी. रेलवे इन ट्रेनों का रखरखाव भी करेगा.

पैसेंजर्स को वर्ल्ड क्लास सर्विस उपलब्ध कराने के लिए निजी ऑपरेटर्स को लाने का प्रस्ताव रेलवे ने अपनी 100 दिन की योजना में पेश किया था. IRCTC को दो ट्रेनों का ऑपरेशन सौंपना, इस तरफ पहला कदम बताया जा रहा है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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