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शीना बोरा हत्याकांड में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार इंद्राणी मुखर्जी ने डिप्रेशन की दवा की ओवरडोज ले ली थी. ये दवाएं इंद्राणी डॉक्टर की सलाह से नहीं ली थी. जे जे अस्पताल ने फोरेंसिक प्रयोगशाला की रिपोर्ट के हवाले से दी. 46 वर्षीय मुखर्जी को शुक्रवार को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें दक्षिण मुंबई में स्थित भायखला जेल की कोठरी से आधी बेहोशी में लाया गया था.
अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिये उनकी कई मेडिकल जांच कराई गई. जे जे अस्पताल के एक चिकित्सक ने कॉलिना की फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के हवाले से बताया ,‘ उनकी यूरिन के नमूने की रिपोर्ट बेंजोडियाजेपाइन के स्तर में काफी वृद्धि दर्शाती है. यह एक तरह की अवसाद रोधी दवा है. यह रिपोर्ट कल रात आई.
डॉक्टर ने कहा ,‘ उन्हें जो दवा लिखी गई वह यह एमिट्रिप्टीलाइन है , जो अवसाद रोधी है. हालांकि , निश्चित तौर पर यह बेंजोडियाजेपाइन श्रेणी की दवा नहीं है. उन्होंने कहा , ‘‘ कैसे उन्हें इसकी : बेंजोडियाजेपाइन की अधिक मात्रा दी गई, इसकी पुलिस जांच करेगी. हालांकि चिकित्सक दवा लिखते हैं , लेकिन यह हमेशा जेलकर्मी देते हैं. एक अन्य चिकित्सक ने बताया कि मुखर्जी को लिखी गई दवा एमिट्रिप्टीलाइन की अधिक मात्रा जानलेवा हो सकती है. लेकिन, उन्होंने दूसरी अवसाद रोधी दवा ली, जो उन्हें नहीं लिखी गई थी. उसकी अधिक मात्रा जानलेवा नहीं है. जे जे अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ . संजय सुरेज ने कहा कि मुखर्जी के स्वास्थ्य में अब सुधार हो रहा है और उन्हें आहार के रूप में तरल पदार्थ दिया जा रहा है.
डॉक्टर ने कहा , ‘ अब उनकी हालत काफी बेहतर है. वह बातचीत कर रही हैं और उन्हें आहार के रूप में तरल पदार्थ दिया जा रहा है. उनका बुखार और निमोनिया के लिए इलाज किया जा रहा है. शहर के हिंदुजा अस्पताल ने भी कल इस सिलसिले में अपनी रिपोर्ट सौंपी. उसने भी ‘ ओवरडोज ' का उल्लेख किया , लेकिन उसकी मात्रा नहीं बताई. जे जे अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि मुखर्जी के मूत्र का नमूना हिंदुजा अस्पताल भी भेजा गया था. चिकित्सक ने बताया कि निजी अस्पताल की रिपोर्ट ने भी अवसाद रोधी दवा बेंजोडियाजेपाइन की अधिक मौजूदगी की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि हिंदुजा अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि मुखर्जी के नमूनों में बेंजोडियाजेपाइन की अधिक मात्रा में मौजूदगी का मतलब है कि उन्होंने बड़ी मात्रा में इस अवसाद रोधी दवा का सेवन किया.
अक्तूबर 2015 में मुखर्जी को अचेतावस्था में भायखला महिला कारागार से जे जे अस्पताल ले जाया गया था. उन्हें दवा की अत्यधिक मात्रा दिये जाने के संदेह में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. राज्य कारा विभाग ने इससे पहले मुखर्जी को दवा की अधिक मात्रा दिये जाने के मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे. आईएनएक्स मीडिया की पूर्व सह - संस्थापक मुखर्जी पर अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में मुकदमा चल रहा है. वह इस मामले में मुख्य आरोपी हैं.
इनपुट - भाषा
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