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देश की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगने के बाद कंपनी के शेयर BSE और NSE पर मंगलवार को 16% तक लुढ़क गए. पिछले 6 साल में इसे एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट बताया जा रहा है.
बता दें, इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर अकाउंटिंग में गड़बड़ी कर कंपनी का प्रॉफिट बढ़ाने की कोशिशों के आरोप लगे हैं. ये आरोप 'एथिकल इंप्लॉयी' नाम से कर्मचारियों के अज्ञात ग्रुप ने लगाए हैं. अज्ञात कर्मचारियों के ग्रुप ने इस बारे में कंपनी के बोर्ड को बीते 20 सितंबर को पत्र लिखा था.
अमेरिकी लॉ फर्म ने व्हिसलब्लोअर की शिकायत पर इंफोसिस के खिलाफ कानूनी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है. सिक्योरिटीज क्लास एक्शन के लिए मशहूर रॉसेन लॉ फर्म सिक्यूरिटीज ने एक इन्फोसिस लॉस नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि स्टेकहोल्डर्स की ओर से संभावित सिक्योरिटीज के दावों की जांच जारी है.
लॉ फर्म ने एक बयान में कहा है, ‘रॉसेन लॉ फर्म इन्फोसिस के निवेशकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक क्लास एक्शन केस की तैयार कर रही है.’
इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने एक बयान में कहा है, 'कंपनी की प्रक्रिया के तहत व्हिसिलब्लोअर की शिकायत को ऑडिट कमेटी के सामने रखा गया है. इस पर कंपनी की व्हिसिलब्लोअर पॉलिसी के तहत कार्रवाई होगी.' उन्होंने कहा, 'एक मुख्य शिकायत सीईओ की अमेरिका यात्रा को लेकर है.'
शेयर बाजार को दी गई सूचना में नीलेकणि ने कहा कि कमेटी ने इंडिपेंडेंट इंटरनल ऑडिटर यूनिट और लॉ फर्म शारदुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी से स्वतंत्र जांच के लिए परामर्श शुरू कर दिया है.
कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को 20 सितंबर को लिखे गए पत्र में व्हिसल ब्लोअर्स ने कहा, 'हालिया तिमाहियों में CEO के अनैतिक व्यवहार को हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं. शॉर्ट टर्म में इनकम और प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए इसी तरह के कदम चालू तिमाही में भी उठाए गए हैं.'
बता दें, व्हिसलब्लोअर का ये ग्रुप खुद को 'एथिकल इंप्लॉयी' कहता है. उनका दावा है कि उनके पास आरोपों को साबित करने के लिए ईमेल और वॉयस रिकॉर्डिंग भी है.
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