Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अजयपाल-वो पुलिस अधिकारी, जिसका आसाराम को जेल भेजने में है अहम रोल

अजयपाल-वो पुलिस अधिकारी, जिसका आसाराम को जेल भेजने में है अहम रोल

2013 में आसाराम को गिरफ्तार करना नहीं था आसान

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
आसाराम को जेल की सलाखों के पीछे भेजने वाला आईपीएस अधिकारी
i
आसाराम को जेल की सलाखों के पीछे भेजने वाला आईपीएस अधिकारी
(फोटोः Altered By Quint

advertisement

आसाराम को नाबालिग से रेप केस में दोषी करार दिया गया है. जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा भी सुना दी है. लेकिन 2013 में जिस समय आसाराम को गिरफ्तार किया गया था. उन दिनों उसे काफी प्रभावशाली माना जाता था. बड़े-बड़े राजनेता उसके दरबार में जाया करते थे. उस दौर में कोई ये सोच भी नहीं सकता था कि एक दिन आसाराम सलाखों के पीछे होगा.

आसाराम को गिरफ्तार करना नहीं था आसान

आसाराम के लाखों समर्थक थे और राजनीतिक कनेक्शन भी काफी मजबूत थे. ऐसे में इन मौजूदा परिस्थितियों में उसे गिरफ्तार करना आसान काम नहीं था. लेकिन जोधपुर के उस समय के डीसीपी अजयपाल लांबा ने इस चैलेंज को सफलतापूर्वक पूरा किया.

खबरों के मुताबिक, लांबा के लिए आसाराम को गिरफ्तार करना काफी कठिन टास्क था. लेकिन शुरुआती जांच में आरोप साबित होने के बाद सटीक रणनीति बनाकर आसाराम को मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया. चार दिन तक पुलिस रिमांड पर रखने के बाद आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद किया गया.

तथ्यों को सबूतों को इकट्ठा किया

पीड़िता के बयान के बाद लांबा ने काफी सावधानीपूर्वक सभी जरूरी तथ्यों और सबूतों को इकट्ठा किया. बाद में उसे कानूनी अमली जामा पहनाया. आसाराम के गिरफ्तारी के बाद उन्हें कई बार जान से मारने की भी धमकी मिली, लेकिन वो अपने इरादों पर डटे रहे.

आईपीएस रैंक के अधिकारी अजयपाल लांबा फिलहाल राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो में तैनात हैं. वह राजस्थान के पाली में एसपी के पद पर भी रह चुके हैं. अपनी सख्त छवि के लिए पूरे पुलिस महकमे में वे मशहूर हैं.

2013 में दर्ज हुआ था केस

आसाराम के खिलाफ अगस्त 2013 में उसके एक अनुयायी ने पुलिस में अपनी बेटी के साथ रेप का केस दर्ज कराया था. आसाराम से नाबालिग लड़की के पिता इतना प्रभावित थे कि उन्होंने अपने बच्चों को 'संस्कारी शिक्षा' की उम्मीद में आसाराम के छिंदवाड़ा स्थित गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेजा था.

ये भी पढ़ें- आसाराम उर्फ आसुमल तांगेवाले की अजमेर दरगाह से आश्रम तक की कहानी

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 25 Apr 2018,02:56 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT