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AFSPA के खिलाफ 16 साल तक आंदोलन करने वाली मणिपुर की आयरन लेडी इरोम शर्मिला अब नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ भी उतर गई हैं. CAA और NRC के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. रविवार को इरोम शर्मिला बेंगलुरु में चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं. उनके साथ गोद में एक बेबी भी देखा गया.
मणिपुर की आयरन लेडी कहलाने वाली इरोम शर्मिला ने 16 साल तक सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (AFSPA) हटाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठी थीं. 2016 में, उन्हें जबरन 16 साल तक लंबे चले भूख हड़ताल को खत्म करना पड़ा. उनकी भूख हड़ताल AFSPA और सेना को दिए अन्य विशेष पावर के खिलाफ थी.
उन्होंने जुलाई 2016 में यह कहकर अनशन खत्म किया था कि अब वह अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगी. इरोम की 16 साल की उम्र में भूख हड़ताल ने उन्हें दुनिया भर में मशहूर कर दिया था. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उन्हें 'प्रिजनर ऑफ कंसाइंस' की उपाधि दी. इसका मतलब- वे लोग जो अपना मत अहिंसक तरीके से जाहिर करते हैं जिनकी वजह से उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ता है.
इरोम शर्मिला ने 4 नवंबर, 2000 में अनशन शुरू किया था, जब कथित रूप से असम राइफल के जवानों ने इंफाल एयरपोर्ट के पास बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहे 10 लोगों को गोलियों से भून डाला था. इसके बाद से इरोम शर्मिला लगातार AFSPA को मणिपुर से हटाने की मांग कर रही हैं.
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