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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से नरेंद्र मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए जाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन पर पलटवार किया है.
बता दें कि राहुल ने 17 जुलाई को भारत-चीन विवाद को लेकर एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार के दौरान भारत ने अपने विदेशी सहयोगियों और पड़ोसियों से रिश्ते बिगाड़ लिए हैं.
विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘राहुल गांधी ने विदेश नीति पर सवाल पूछे हैं. यहां पर कुछ जवाब हैं. हमारा अहम गठजोड़ मजबूत हुआ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ा है. अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान के साथ शिखर वार्ता और अनौपचारिक बैठकें होती रहती हैं. चीन के साथ हम राजनीतिक रूप से ज्यादा बराबरी के स्तर पर बात करते हैं. विश्लेषकों से पूछें.’’
पड़ोसी देशों को लेकर जयशंकर ने कहा, ‘‘कुछ तथ्य हमारे पड़ोसियों के बारे में भी, श्रीलंका और चीन के बीच 2008 में हंबनटोटा पोर्ट को लेकर समझौता हुआ था. उनसे पूछिए जो इससे निपट रहे थे. मालदीव के साथ कठिन संबंध...जब 2012 में भारत राष्ट्रपति नाशीद की सरकार को गिरता देख रहा था ....और चीजें बदली हैं. हमारे कारोबारियों से पूछिए.’’
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सलमा बांध और संसद जैसी परियोजनाएं पूरी होती हैं, ट्रेनिंग और कनेक्टिविटी बढ़ती है, अफगानिस्तान से पूछिए.
बांग्लादेश के बारे में जयशंकर ने कहा कि 2015 में भू सीमा मुद्दा सुलझने के बाद ज्यादा विकास और पारगमन की राह प्रशस्त हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘अब वहां आतंकवादियों के लिए पनाहगाह नहीं है. हमारे सुरक्षाबलों से पूछिए.’’
विदेश मंत्री ने कहा, ''भूटान अब (भारत को) एक मजबूत सुरक्षा और विकास भागीदार पाता है. अब वे 2013 के विपरीत अपनी रसोई गैस के बारे में चिंता नहीं करते. भूटान के परिवारों से पूछिए.''
जयशंकर ने पाकिस्तान का भी जिक्र किया. उन्होंने राहुल से कहा,‘‘ पाकिस्तान के साथ (जिसे आपने छोड़ दिया) निश्चित तौर पर एक तरफ बालाकोट और उरी तो दूसरी तरफ शर्म अल शेख, हवाना और 26/11 के बीच अंतर है. इस बारे में खुद से पूछिए.''
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