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जामिया टीचर पर तुर्किए भूकंप पीड़ितों के लिए छात्रों से 1.4 लाख जुटाने का आरोप, सस्पेंड

यूनिवर्सिटी का आरोप है कि टीचर ने झूठ बोलकर छात्रों से पैसा इकट्ठा किया और पूरा पैसा निजी फायदे के लिए निकाल लिया.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>जामिया के मिडिल स्कूल के टीचर सस्पेंड</p></div>
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जामिया के मिडिल स्कूल के टीचर सस्पेंड

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) ने तुर्की के भूकंप प्रभावित लोगों के लिए स्कूल के छात्रों से कथित रूप से चंदा लेने के लिए मिडिल स्कूल के फिजिकल एजुकेशन टीचर हारिस उल हक को सस्पेंड कर दिया है. यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क कार्यालय ने मंगलवार को प्रेस रिलीज जारी कर यह जानकारी दी.

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी की प्रेस रिलीज में बताया गया कि बिना किसी संबंधित अधिकारी के मंजूरी और अनुमति के बिना फंड इकट्ठा किया गया, जो केंद्रीय सिविल सर्विस के नियमों का उल्लंघन है.

31 जुलाई को हारिस उल हक के खिलाफ जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की ओर से जामिया नगर पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक हेराफेरी की शिकायत दर्ज कराई गई थी.

शिकायत में आरोप लगाया गया कि हारिस उल हक ने तुर्की में भूकंप से प्रभावित लोगों के बारे में झूठ बोलकर 1.40 लाख रुपये इकट्ठा किए और हेराफेरी की. यह भी आरोप है कि झूठ बोलकर छात्रों से पैसा इकट्ठा किया गया और पूरा पैसा निजी फायदे के लिए निकाल लिया गया.

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यह मामला 4 अगस्त को हुई बैठक में यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद (ईसी) के समक्ष रखा गया था. ईसी ने प्रस्ताव संख्या 11 के माध्यम से निर्णय लिया है कि हारिस उल हक के खिलाफ नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है.

ईसी ने यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि वो इकट्ठा किए गए पैसे की रिकवरी के लिए उचित कदम उठाए और कानून के प्रावधानों के अनुसार, आपराधिक शिकायत दर्ज करवाए.

पहले भी निलंबित हो चुके हैं आरोपी टीचर

यह भी कहा गया है कि हारिस उल हक के खिलाफ दुर्व्यवहार, ड्यूटी के प्रति लापरवाह रवैया और ऑर्डर नहीं मानने की कई शिकायतें चुकी हैं. उन्हें पहले भी कदाचार के लिए 2010 में निलंबित किया गया था.

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