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कश्मीर में पिछले एक हफ्ते से भी ज्यादा समय से कर्फ्यू लगा है. किसी को भी बिना इजाजत कहीं जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. अब इन्हीं पाबंदियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है. घाटी में कड़ी सुरक्षा और कर्फ्यू लगाने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने ये याचिका दायर की थी.
पूनावाला की याचिका के अलावा भी कश्मीर मामले पर कुछ और याचिकाएं दायर की गई हैं. जिनमें से एक कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की याचिका भी है. भसीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद घाटी में पत्रकारों के मौलिक अधिकार और इंटरनेट, फोन आदि पर लगाई गई बापंदी हटाई जाए. अब सुप्रीम कोर्ट पूनावाला की याचिका के साथ भसीन की याचिका पर भी विचार कर सकता है.
पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में हाउस अरेस्ट हुए नेताओं को भी रिहा करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं को जल्द रिहा करने का आदेश जारी करे. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है.
घाटी में सोमवार को मुस्लिमों के बड़े त्योहारों में से एक ईद-उल-अजहा को मनाया गया. कश्मीर घाटी में सुबह मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई. लेकिन इस त्योहार की रौनक फीकी रही. सड़कों पर पहले की तरह घूमते-फिरते और त्योहार मनाते युवा नहीं दिखे. सभी प्रमुख मस्जिदों में नमाज अदा की गई. जिसके बाद लोगों ने अपने घरों और मोहल्ले में ही ईद-उल-अजहा का जश्न मनाया.
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