Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019देवघर रोप वे हादसा: जान पर खेल कर लोगों को बचाने वाले पन्नालाल सम्मानित

देवघर रोप वे हादसा: जान पर खेल कर लोगों को बचाने वाले पन्नालाल सम्मानित

रोप-वे के कर्मी पन्नालाल ने फंसे हुए 11 लोगों की जान बचाने में कामयाबी हासिल की.

मोहम्मद सरताज आलम
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>झारखंड: रोप-वे हादसे में लोगों की जान बचाने वाले कर्मी को CM सोरेन सम्मानित किया</p></div>
i

झारखंड: रोप-वे हादसे में लोगों की जान बचाने वाले कर्मी को CM सोरेन सम्मानित किया

फोटो: सोशल मीडिया

advertisement

झारखंड (Jharkhand) में देवघर के मोहनपुर में त्रिकूट रोप-वे रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कलर दिया गया है, जिसमें रोप-वे के कर्मी पन्नालाल ने अपनी कामयाब कोशिशों के जरिए 11 लोगों को बचाया है. अपनी जान जोखिम में डालते हुए उन्होंने 11 लोगों की जान बचाई. इस कामयाबी को हासिल करने के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची से ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देवघर डीसी के कार्यालय में पन्नालाल से ऑनलाइन मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री सोरेन ने पन्नालाल से लंबी बात की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यस्तता होने की वजह से वो मौके पर नहीं पहुंच सके. देवघर डीसी के माध्यम से कर्मी पन्नालाल को एक लाख रूपए के चेक साथ सम्मानित किया गया गया.

मुख्यंत्री हेमंत सोरेन ने पन्नालाल से कहा कि

आपको मैं बहुत आभार प्रकट करता हूं कि आपने जान की बाजी लगाकर लोगों की जान बचाई.

जान जोखिम में डालकर लोगों को बचाया

पन्ना लाल ने बताया कि सबसे पहले हमने ऊपर वाली केबिन उतारने का प्लान बनाया. अंधेरा होने से पहले ने हमने कुल 4 केबिन नीचे उतारी. उसके बाद हमें बोला गया कि अब तुम लोग छोड़ दो हेलिकॉप्टर आएगा. लेकिन हेलिकॉप्टर दो बार आकर चला गया और कुछ नहीं हो सका.

लोग बोलने लगे कि आप लोग रिस्क मत लो हेलिकॉप्टर आएगा, लेकिन लोगों की बात न मानते हुए हमने दोपहर में रस्सी के जरिए फिर से एक केबिन उतारी. उसके बाद आर्मी के जवान ने ऊपर चढ़कर केबिन उतारी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

एक दूसरे रोप-वे कर्मी गोविंद सिंह ने बताया कि

हम लोग किसी तरह टायर में रस्सी बांधकर टॉवर पर चढ़े, उसके बाद 20 मीटर दूर केबिन तक रस्सी पर झूलते हुए गए. उसके बाद केबिन को खोला गया, जिसके अंदर पैसेंजर फंसा हुआ था...पैसेंजर को सेफ्टी बेल्ट पहनाकर धीरे-धीरे नीचे उतारा गया.

उन्होंने आगे बताया कि हादसा होने के बाद हम लोग डर गए थे कि बचाव कार्य कर पाएंगे या नहीं, लेकिन हमने हिम्मत बांधकर जो किया जा सकता था वो सब किया.

हम लोगों ने सोचा कि किसी भी तरह जान जोखिम में डालकर लोगों को बचाना होगा क्योंकि इसी से हमारी रोजी-रोटी चलती है. अगर हम लोग छोड़कर चले जाएंगे तो बदनामी होगी, लोगों की जिंदगी का सवाल है. हम लोगों ने जो किया अच्छे के लिए किया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 14 Apr 2022,12:14 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT