advertisement
11 जून 2013, झारखंड के गुमला जिले का भरनो थाना स्थित करौंदाजोर टुकूटोली. करीब 21-22 महिलाओं की मीटिंग चल रही थी. मीटिंग गांव के एक युवक की मौत को लेकर बुलाई तो गई थी, लेकिन फिर ये मीटिंग दो और हत्या का गवाह बन गई. बैठक में मौजूद 19 महिलाओं ने दो महिलाओं को डायन (Witch) करार देते हुए, लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार दिया. अब करीब 9 साल बाद 19 महिलाओं को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. बता दें कि झारखंड में डायन बताकर हत्या करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है.
टूकूटोली की रहने वाली बेरजनिया इंदवार और एगनेसिया एंदवार की हत्या के मामले में गुमला के सिविल कोर्ट के एडीजे-1 दुर्गेशचंद्र अवस्थी की अदालत ने सुनाया है. अदालत ने साथ ही 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी सभी पर लगाया गया है. जुर्माना न देने पर दो साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. जज ने हत्या के 19 नामजद आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आजीवन कारावास की सजा सुनाये.
घटना 11 जून 2013 की है. घटना के दिन आरोपी महिलाओं द्वारा गांव में बैठक कर दोनों महिलाओं की हत्या की योजना बनायी गयी थी. इसके बाद दोनों की हत्या की गयी थी.मृतका ब्रिजेनिया इंदवार की बेटी सेलेस्टीन इंदवार ने आरोपियों के खिलाफ डायन बिसाही के आरोप में अपनी मां और इग्नेसिया इंदवार की हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
दर्ज केस में कहा गया था कि घटना के दिन गांव में महिलाओं ने बैठक बुलाई थी. दरअसल, गांव के एक युवक की मौत के बाद ये बैठक बुलाई गई थी. एफआईआर में लिखा है कि,
बता दें घटना के बाद पुलिस ने अगले दिन 12 जून 2013 को सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
आरोपियों में गांव की भलेरिया इंदवार, इमिलिया इंदवार, करिया देवी, जरलदीता इंदवार, मंगरी देवी, ख्रीस्टीना इंदवार, चिंतामणी देवी, विनिता इंदवार, ज्योति इंदवार, मालती इंदवार, गब्रेला इंदवार, रिजिता इंदवार, मोनिका इंदवार, केसेनसिया इंदवार, नीलम इंदवार, सुशीला इंदवार, कुरमेला इंदवार, ललिता इंदवार व रोजलिया इंदवार शामिल हैं.
झारखंड जब से बना है तब से लेकर अब तक में अंधविश्वास और जादू टोने के चलते 1000 से ज्यादा लोगों की हत्या की जा चुकी है. इसमें 90% महिलाएं हैं. क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के एक रिपोर्टेड डाटा के आधार पर 2015-2020 तक में लगभग 230 महिलाओं की जादू टोने संबंधित प्रकरणों में मार दिया गया है.
साल 2015 से 2020 के बीच 4500 से ज्यादा मामले महिलाओं को डायन घोषित करने के बाद उत्पीड़न के चलते दर्ज किए गए हैं. अगर देखा जाए तो औसतन हर रोज दो से तीन मामले पुलिस के पास पहुंचते हैं. बीते छह सालों में सबसे ज्यादा मामले गढ़वा में सामने आये हैं. गढ़वा में 1127 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं, पलामू में 446, हजारीबाग में 406, गिरिडीह में 387, देवघर में 316, गोड्डा में 236 मामले दर्ज हुए हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)