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झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) ने 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पद (Chief Minister) की शपथ ले ली है. उनके साथ दो नेताओं- कांग्रेस के आलमगीर आलम और RJD के सत्यानंद भोक्ता ने झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली.
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शपथ लेने के बाद कहा...
झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा, "हम हमेशा एक ही चीज की अपेक्षा करते हैं कि गरीबों की सेवा की जानी चाहिए, हमें उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए सब कुछ करना चाहिए, अच्छी सड़कें, अच्छा पीने का पानी, अच्छे स्कूल, अच्छी स्वास्थ्य सेवा और अच्छे घर. आखिकार पूरे राज्य में सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना होगा ताकि किसानों को लाभ मिले और लोगों को कमोडिटी मूल्य पर खाद्यान्न मिले."
चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी JMM के विधायकों को हैदराबाद भेजा जा रहा है. JMM नेता मनोज पांडेय ने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्च के 39 विधायक हैदराबाद जा रहे हैं.
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के तुरंत बाद चंपई सोरेन पार्टी के विधायकों के साथ राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलने राजभवन पहुंचे थे, लेकिन उन्हें राजभवन के भीतर नहीं जाने दिया था. इसके बाद गुरुवार को चंपई सोरेन ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी और एक बार फिर सरकार बनाने का दावा पेश किया.
शपथ ग्रहण से पहले चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन से मुलाकात की और कहा कि हम जल्द ही बहुमत साबित कर देंगे.
सीएम चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल के नेता हैं और हेमंत सोरेन की सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री थे. चंपई सोरेन आदिवासी समुदाय से आते हैं. चंपई सोरेन, शिबू सोरेन के साथ बिहार से अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में भी शामिल थे.
सीएम चंपई सोरेन को 'कोल्हान टाइगर' के नाम से भी जाना जाता है. चंपई सोरेन बीजेपी सरकार में करीब 2.5 साल तक मंत्री भी रह चुके हैं. ईडी की गिरफ्तारी से पहले झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के विधायक दल का नेता चुना था.
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