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रांची हिंसा: बोर्ड एग्जाम रिजल्ट के इंतजार में थे युवक, आ गई मौत

घटना में पथराव और गोली लगने की वजह से लगभग 13 लोग घायल हुए हैं.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>रांची हिंसा: बोर्ड एग्जाम रिजल्ट के इंतजार में थे युवक, आ गई मौत</p></div>
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रांची हिंसा: बोर्ड एग्जाम रिजल्ट के इंतजार में थे युवक, आ गई मौत

(फोटो- क्विंट)

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भारतीय जनपा पार्टी (BJP) नेता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) द्वारा पैगंबर मुहम्मद साहब पर की गई टिप्पणी के विरोध में देश भर में शुक्रवार से प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच देश के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें आ रही हैं. झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) से भी हिंसा और मौत की खबरें आई हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने मृतकों की पहचान 20 वर्षीय साहिल और 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम के रूप में की है, जो दसवीं क्लास के बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे.

मरने वाले युवक दसवीं और इंटरमीडिएट के छात्र थे

पूर्व वार्ड कमिश्नर और मृतक साहिल के पड़ोसी सलाउद्दीन ने कहा कि साहिल इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई करता था और एक मोबाइल की दुकान में काम करता था. उसके पिता ऑटो के ड्राइवर हैं. उसके पेट में गोली लगी है. हमने सरकार से मुआवजे की मांग की है, हमने पूछा है कि पुलिस ने किसके आदेश पर गोलियां चलाईं.

इस घटना में मरने वाला दूसरा युवक 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम था, जो दसवीं क्लास के रिजल्ट का इंतजार कर रहा था.

मुजस्सिर के चाचा मोहम्मद शाहिद अयूबी ने कहा

गोली चलाने की वजह क्या थी और क्या पुलिस के पास यही एकमात्र विकल्प था? सरकार को जवाब देना चाहिए और दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि हम यह भी नहीं जानते कि वह भीड़ का हिस्सा कैसे बन गया. उसे सिर में गोली मारी गई थी, उसके पिता मजदूरी का काम करते हैं और वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान था. हमने सरकार से मुआवजे की मांग की है.

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जेएमएम और कांग्रेस के नेतृत्व वाली हेमंत सोरेन सरकार ने घटना और परिस्थितियों की उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दिया है, जिसके कारण भीड़ पर पुलिस द्वारा "गोलीबारी" की गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एसपी (ग्रामीण) नौशाद आलम ने कहा कि घटना में पथराव और गोली लगने की वजह से लगभग 13 लोग घायल हुए हैं.

राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) के अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ ने कहा कि

कुल 10 लोगों को RIMS में भर्ती कराया गया था, जिन्हें भीड़ हिंसा के दौरान गोली लगी थी. इसमें से दो की मौत हो चुकी है और एक की हालत नाजुक बनी हुई है.

इसके अलावा एसएसपी सुरेंद्र झा के सिर में चोट आई है और एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी है. इसके बाद राज्य सरकार ने अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया.

दिए गए जांच के आदेश

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) स्पोक्सपर्सन सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं. सभी पहलुओं की जांच की जाएगी.

एक सरकारी सूत्र ने कहा कि गृह विभाग ने शनिवार को एक आदेश जारी किया, जिसमें दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया. इसमें प्रमुख सचिव आपदा प्रबंधन अमिताभ कौशल, झारखंड पुलिस के एडीजी संजय लथकर शामिल हैं. इस संबंध में सात दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.

झारखंड बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि घटनाओं का पूरा क्रम राज्य सरकार की विफलता है.

बता दें कि घटना की गंभीरता को देखते हुए 2 आरएएफ कंपनियों को बुलाया गया है और हिंसा होने वाली जगहों पर मुख्य सड़क इलाकों के आसपास 12 बिंदुओं पर 2,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, शनिवार को क्षेत्र में शांति रही.

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Published: 12 Jun 2022,12:19 PM IST

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