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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) कैंपस में कई इमारतों की दीवारों पर गुरुवार, 1 दिसंबर को ब्राह्मण विरोधी नारे लिख दिए गए. इन ग्रैफिटी/ स्प्रे पेंट से लिखें नारों की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं.
स्टूडेंट्स ने दावा किया कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-2 बिल्डिंग की दीवारों और कुछ फैकल्टी मेंबर्स के दरवादों पर ब्राह्मण और बनिया समुदायों के खिलाफ नारे लिखे गए. इसके बाद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने इसे "बहिष्कारवादी प्रवृत्ति" बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
एक्टिंग रजिस्ट्रार ने गुरुवार शाम को नोटिस जारी कर जानकारी दी कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के डीन और शिकायत समिति को पूछताछ कर कुलपति को रिपोर्ट देने को कहा गया है. नोटिस में लिखा गया है कि
बीजेपी से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने वामपंथी स्टूडेंट यूनियनों पर इसका आरोप लगाया है.
PTI की रिपोर्ट के अनुसार एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा है कि "एबीवीपी कम्युनिस्ट गुंडों की निंदा करता है. कम्युनिस्टों ने जेएनयू की स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-2 की बिल्डिंग की दीवारों पर अपशब्द लिखे हैं. उन्होंने डराने के लिए स्वतंत्र सोच वाले प्रोफेसरों के चैम्बर्स पर भी ऐसा किया है."
दूसरी तरफ IANS की रिपोर्ट के अनुसार ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन से जुड़े छात्रों ने इस घटना में शामिल होने से इनकार किया है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संगठन के सदस्य व पूर्व अध्यक्ष एन. साईं बालाजी ने इन आरोपों से इनकार किया है. बालाजी ने उल्टा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर आरोप लगाते हुए संदेह व्यक्त किया कि यह स्वयं एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की हरकत हो सकती है.
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