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दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा दिसंबर में जारी किए गए एक सर्कुलर में कहा गया है कि, लड़कियों को अपने पुरुष दोस्तों से कुछ दूरी बनाए रखने के बारे में पता होना चाहिए और उनके बीच एक स्पष्ट लाइन होनी चाहिए.
सर्कुलर जारी होने के बाद स्टूडेन्ट्स में गुस्सा देखने को मिला है और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने इस सर्कुलर के जारी होने के बाद इसका विरोध किया है.
काउंसलिंग सेशन के लाभों को बताते हुए आईसीसी ने ऑफिशियल नोटिस में कहा कि इसके बाद यौन उत्पीड़न के मामलों की संख्या निश्चित रूप से कम हो जाएगी.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि, जेएनयू आईसीसी एक पीड़िता को दोषी बनाने वाली टिप्पणी करता है, जहां लड़कियों को अपने किसी मेल फ्रैंड द्वारा परेशान न किए जाने के लिए एक ठोस लाइन खींचने को कहता है.
ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) ने भी युनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए इस नोटिस की कड़ी निंदा की है.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक स्टूडेंट एसोसिएशन ने कहा कि जेएनयू आईसीसी यौन उत्पीड़न से संबंधित नोटिस निकाला है. यह के लड़कियों प्रति आईसीसी के रवैये को उजागर करता है.
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