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जोशीमठ (Joshimat) में लोगों के घरों और होटलों में दरारें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं. तेजी से शहर की इमारतें जमींदोज हो रही हैं. लोगों के सपने और अपने घरों को छोड़ पलायन कर रहे हैं. उत्तराखंड ही नहीं पूरा देश जोशीमठ के लिए चिंतित है. वहीं जोशीमठ के क्षतिग्रस्त भवनों को पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ये मालूम होगा कि मकानों का कितना नुकसान हुआ है. इस प्रक्रिया को सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (Central Building Research Institute) द्वारा क्रैकोमीटर के किया जाएगा. इसके साथ ही अयोग्य इमारतों को तोड़ा जा रहा है.
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