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यूट्यूब चैनल मूकनायक की फाउंडर बीबीसी हिंदी की पूर्व पत्रकार मीना कोटवाल ने कुछ ट्वीट्स में आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने उनकी एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया. मीना ने बताया कि ट्विटर पर उनके और उनकी मां के खिलाफ जातिगत टिप्पणी की गई, जिसकी शिकायत उन्होंने दिल्ली पुलिस में करने कोशिश की. मीना ने बताया कि उन्होंने 28 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस से SC/ST एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा, लेकिन फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई.
दिल्ली पुलिस ने 29 अक्टूबर को इस मामले में एफआईआर दर्ज की है.
मीना कोटवाल ने क्विंट हिंदी को बताया कि कुछ दिनों पहले उन्होंने वंदना कटारिया और मोहम्मद शमी को लेकर ट्वीट किया था. इस ट्वीट को लेकर 26 अक्टूबर की रात एक ट्विटर यूजर ने उनपर जातिगत टिप्पणी की. उन्होंने मीना और उनकी मां के लिए अपशब्द कहे.
मीना ने बताया कि निजी कारणों से वो तुरंत इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करा पाईं, और 28 अक्टूबर की शाम दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के लिए गईं. उन्होंने बताया कि उन्होंने पुलिस स्टेशन में करीब डेढ़-दो घंटे इंतजार करना पड़ा. इसके बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज न करके केवल शिकायत दर्ज की.
मीना ने अपने वकील और पुलिस में जानकारों से बात की, लेकिन इसके बावजूद रात में उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई. 29 अक्टूबर की सुबह तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी.
कई लोगों ने ट्विटर पर मीना के समर्थन में आवाज उठाई है और दिल्ली पुलिस से जल्द मामला दर्ज करने का आग्रह किया है.
मीना ने बताया कि उन्हें 28 अक्टूबर की रात को डीसीपी साउथ की तरफ से फोन आया था. डीसीपी ने 29 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे उन्हें मिलने के लिए बुलाया है.
डीसीपी साउथ ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि, उन्होंने ये बात स्वीकार की कि उन्होंने मीना को मिलने के लिए बुलाया है.
मीना ने बताया कि उनके ट्वीट वायरल होने के बाद जिस शख्स ने उनके खिलाफ जातिगत टिप्पणी की थी, उन्होंने उनसे ट्विटर पर माफी मांगी. हालांकि, उसने अपनी पहचान उजागर करने से इनकार कर दिया.
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