advertisement
पिछले साल न्यूज चैनल NDTV छोड़ने वालीं सीनियर पत्रकार निधि राजदान ने 15 फरवरी को ट्विटर पर बताया कि वो एक 'जटिल और कोऑर्डिनेटेड फिशिंग अटैक' की शिकार बनी हैं. निधि ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्हें असल में 'जर्नलिज्म के एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जॉइन करने का ऑफर नहीं मिला था.'
जून 2020 में निधि राजदान ने ऐलान किया था कि वो NDTV छोड़ रही हैं और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने जा रही हैं. निधि ने बताया था कि वो फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में जर्नलिज्म पढ़ाएंगी.
15 जनवरी को अपने बयान में राजदान ने कहा कि देरी के साथ-साथ उन्होंने 'प्रक्रिया में कई तरह की प्रशासनिक गड़बड़ियां' देखनी शुरू कर दी थीं, जिसके बाद उन्होंने हार्वर्ड में अथॉरिटीज से संपर्क किया.
निधि ने अपने बयान में कहा, "यूनिवर्सिटी से बात करने के बाद मझे पता चला कि मैं एक जटिल और कोऑर्डिनेटेड फिशिंग अटैक की शिकार बनी हूं. हमला करने वालों ने शातिर जालसाजी और बहकावे का इस्तेमाल कर मेरी निजी जानकारी और बातचीत एक्सेस किया था और शायद मेरे डिवाइस और ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट को भी एक्सेस कर लिया हो." निधि ने बताया कि उन्होंने पुलिस में शिकायत की है.
राजदान NDTV के साथ 21 सालों से जुड़ी हुई थीं. चैनल छोड़ते समय उन्होंने लिखा था, "NDTV ने मुझे सब कुछ सिखाया है. ये मेरा घर रहा है. हम जो काम करते हैं, मुझे उस पर गर्व है."
निधि राजदान के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई. कई लोगों ने इस घटना को 'डरावना' बताया और निधि के प्रति 'सहानुभूति' दिखाई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)