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"एक डर आ गया मेरे अंदर. जिस तरह वे मुझे मारते हुए मुल्ला कह रहे थे. कोई मारेगा तो पूछेगा नहीं मुझसे.. अगर मैं मुस्लिम होता भी तो क्या उनको पत्रकारिता का हक नहीं है? मुझे आतंकी कहा गया.."
यह शब्द पत्रकार राघव त्रिवेदी के हैं. डिजिटल प्लेटफॉर्म. मॉलिटिक्स के पत्रकार राघव त्रिवेदी (Molitics Journalist Raghav Trivedi) को 12 मई को रायबरेली (Raebareli) में आयोजित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की रैली में कथित तौर पर बेरहमी से पीटा गया. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के कुछ घंटों बाद वह फिर से चुनावी रैलियों को कवर करने के लिए मैदान पर उतर चुके हैं.
राघव त्रिवेदी ने क्विंट को बताया कि न केवल एक क्लिप रिकॉर्ड करने के लिए उन्हें पीटा गया बल्कि भीड़ ने उनपर इसलिए भी हमला किया क्योंकि उसे लगा कि वह मुसलमान हैं.
त्रिवेदी ने आगे कहा, "उन्होंने मेरे पेट में ज्यादा मारा, जिसकी वजह से मेरे पीठ में बहुत दिक्कत हुई. इसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि लिंचिंग पर स्टोरी करना अलग बात है और उसका सामना करना अलग बात."
राघव त्रिवेदी ने शाह की रैली के बाहर कुछ महिलाओं से मुलाकात की थी. महिलाओं ने उन्हें बताया कि बीजेपी नेता की रैली में शामिल होने के लिए उन्हें पैसे देने का आश्वासन दिया गया था. इस पर बीजेपी कार्यकर्ताओं से सवाल करने पर कार्यकर्ताओं ने त्रिवेदी से हाथापाई, गाली-गलौज और मारपीट की.
त्रिवेदी ने कहा कि भीड़ में से 80 प्रतिशत लोगों को नहीं पता था कि वे उन्हें क्यों पीट रहे थे. अफरा-तफरी के माहौल में जब कुछ लोगों ने उन्हें मुस्लिम समझा तो लिंचिंग में दूसरे लोग भी शामिल हो गए.
त्रिवेदी का आरोप है कि उनके कैमरे को तोड़ने की कोशिश भी की गई. घटनास्थल पर पुलिस और दूसरे मीडियाकर्मी भी थे लेकिन किसी ने दखल नहीं दिया. घटना के दौरान जब त्रिवेदी बेहोस हो गए तो उन्हें अस्पताल लाया गया जहां उनका इलाज हुआ.
द क्विंट से बात करते हुए, रायबरेली में स्थानीय बीजेपी यूनिट के मीडियाकर्मी मुकेश अग्रवाल ने कहा, "मुझे घटना की जानकारी नहीं थी. मामला जब बढ़ा तभी मुझे पूरे मामले की खबर मिली."
कोतवाली नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 147 (दंगा करने की सजा), 323 (चोट पहुंचाना) और 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
बीजेपी नेता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए त्रिवेदी ने कहा, ''अगर एक भी बीजेपी नेता मुझसे मिलने आता तो मैं सोचता कि शायद उन्होंने ऐसा नहीं किया, ये दूसरों की गलती है. पर कोई भी मुझसे मिलने नहीं आया'' इसलिए रुख साफ है कि उन्हें इस बात का कोई पछतावा नहीं है.''
(क्विंट ने स्थानीय पुलिस से भी संपर्क किया है. उनकी प्रतिक्रिया मिलते ही कॉपी को अपडेट किया जाएगा.)
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