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संपादकों की संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया समेत जाने-माने पत्रकारों ने द क्विंट की पब्लिशर्स कंपनी क्विंटिलियन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर में इनकम टैक्स अफसरों के अचानक घुस आने की कड़ी आलोचना की है. इनकम टैक्स अफसरों के मुताबिक वह द क्विंट की दफ्तर की एक मंजिल पर सर्च और दूसरे में सर्वे के लिए आए थे.
द क्विंट के दफ्तर में इनकम टैक्स अफसरों के इस तरह घुस आने की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कड़ी आलोचना की है और आयर विभाग से कहा है कि वह अपने अधिकारों का इस्तेमाल न करें जिससे उसका कदम सरकार के आलोचकों के कामकाज में बाधा डालने जैसा लगे.
देश भर के पत्रकार ट्विटर के जरिये ने इस रेड की आलोचना की है और और इसे द क्विंट के काम में दखल माना है. उन्होंने कहा है कि सरकार ये बताए कि ऐसा क्यों कि जा रहा है. उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है.
वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि द क्विंट के को-फाउंडर राघव बहल को मोदी सरकार की आलोचना की वजह से शिकार बनाया गया.
राघव बहल के घर पर आईटी रेड के दौरान इनकम टैक्स अफसर द क्विंट की को-फाउंडर रितु कपूर के गैजेट से डाटा क्लोन करने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई और बाहर खड़े क्विंट की पत्रकार से प्राइवेसी लॉ के बारे में पूछा तो उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया गया.
द क्विंट के दफ्तर पर इनकम टैक्स अफसरों की रेड पर मीडिया में काफी रोष है. पत्रकारों का कहना है कि द क्विंट को सरकार की आलोचना की कीमत चुकानी पड़ रही है.
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मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की इंडियन यूनिट ने गुरुवार को मीडिया जगत के दिग्गज राघव बहल के घर और दफ्तर पर आयकर विभाग की ओर से की गई छापेमारी पर चिंता जताई और कहा कि यह आजाद प्रेस पर शिकंजा कसने के संकेत हैं.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने एक बयान में कहा:
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