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बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर के आयुक्त से मुलाकात न होने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर धमकाया. विजयवर्गीय ने कथित तौर पर कह डाला कि अगर संघ के पदाधिकारी शहर में मौजद न होते तो वह इंदौर में आग लगा देते. विजयवर्गीय का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
धरना और संभागायुक्त त्रिपाठी से मुलाकात के मुद्दे पर विजयवर्गीय की पुलिस अधिकारियों से तीखी नोक-झोक हुई. इस नोक-झोक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. क्विंट इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
इस वीडियो का कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने ट्वीट किया है. इसके साथ उन्होंने लिखा है कि कैलाश विजयवर्गीय यह बात एडीएम तोमर से कह रहे हैं.
इंदौर की समस्याओं को लेकर कैलाश विजयवर्गीय अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक करना चाहते थे. इसके लिए बीजेपी जिलाध्यक्ष के माध्यम से अधिकारियों को पत्र भी लिखा गया था. इस बैठक में हिस्सा लेने कोई अधिकारी नहीं पहुंचा तो विजयवर्गीय नाराज हो गए. उसके बाद वह आयुक्त आकाश त्रिपाठी के घर के सामने पहुंचकर धरने पर बैठ गए. उनके साथ सांसद शंकर लालवानी समेत दूसरे बीजेपी नेता भी मौजूद थे.
बता दें, इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत सहित अन्य पदाधिकारी इंदौर में हैं. आगामी कुछ दिनों तक संघ के पदाधिकारी और बीजेपी के नेताओं का इंदौर में डेरा रहने वाला है. इस बीच, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और खाद्य आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हितेश वाजपेयी ने विजयवर्गीय के बयान का समर्थन किया है.
डॉ. हितेश वाजपेयी ने कहा-
डॉ. वाजपेयी ने आगे कहा, "राज्य में समय रहते प्रतिकार नहीं किया गया तो कमलनाथ राज्य को पश्चिम बंगाल बनाने में देर नहीं करेंगे. वह ममता बनर्जी द्वारा बताए गए हिंसक राजनीति के मार्ग पर अग्रसर हैं."
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