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दिल्ली के कंझावला केस (Kanjhawala Case) में केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिल्ली पुलिस ने रिपोर्ट सौंपी है.पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मंत्रालय ने पुलिस को 3 पीसीआर वैन और 2 चौकियों में तैनात पुलिसकर्मियों को तुरंत सस्पेंड करने का निर्देश दिया है. बता दें कि जिस वक्त कंझावला में युवती का एक्सीडेंट हुआ था, ये पुलिसकर्मी उस वक्त ड्यूटी पर थे. गृह मंत्रालय ने इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को निर्देश दिया है.
इसके अलावा दिल्ली पुलिस से दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द चार्जशीट दायर करने और सभी जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है, जिससे दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके.
बता दें कि गृह मंत्रालय को जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसे तैयार करने की जिम्मेदारी विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह को दी गई थी.
कंझावला मामले में पीड़िता 20 वर्षीय अंजलि सिंह की 1 जनवरी को मौत हो गई थी. वह अपनी स्कूटी से घर की तरफ जा रही थीं, तभी एक कार ने टक्कर मार दी थी और लगभग 12 किलोमीटर तक वह कार से घिसटती गई.
कंझावला मामले में लापरवाही से गाड़ी चलाने, गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से मौत से संबंधित धाराओं के तहत एक एफआईर दर्ज करने के बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
अंकुश नाम के सातवें आरोपी को पुलिस के सामने सरेंडर करने के बाद शनिवार, 7 जनवरी को 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) सागर प्रीत हुड्डा ने द क्विंट को बताया था कि अंकुश ने अपने भाई अमित खन्ना को बचाने की साजिश रची थी, जिसके बारे में माना जाता है कि घटना के समय कार चला रहा था.
इस बीच, छठे आरोपी आशुतोष को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया.
गिरफ्तार किए गए अन्य पांच लोगों में मनोज मित्तल (27), दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27) और मिथुन (27) शामिल है.
गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द अदालत में चार्जशीट दायर करने और सभी जरूरी कदम उठाने का भी सुझाव दिया है, ताकि उन्हें सजा मिल सके.
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