advertisement
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने खुद को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के कुछ ही घंटों बाद अस्पताल से राज्य के शीर्ष नौकरशाहों के साथ बैठक की. इसके बाद जल्द ही, उनके ऑफिस ने सोशल मीडिया पर यह ऐलान करते हुए सीएम का एक वीडियो जारी किया कि वह अस्पताल से काम कर रहे हैं.
डायबिटीज और हायपरटेंशन से पीड़ित होने के बाद भी, जो राज्य में सबसे आम कोमोरबिडिटीज हैं, खुद को नियंत्रण में दिखाना कर्नाटक के मुख्यमंत्री के लिए प्राथमिकता थी.
77 वर्षीय येदियुरप्पा के लिए, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पसंद के उम्मीदवार के उनकी जगह लेने की कई कोशिशों के खिलाफ सीएम की कुर्सी बचाते रहे हैं, एक दिन की छुट्टी लेना या अस्थायी रूप से प्रभार सौंपना कोई विकल्प नहीं है; भले ही वह कोरोना वायरस से संक्रमित हों.
एक निजी अस्पताल में ठीक से सेटल होने से पहले ही येदियुरप्पा की वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ बैठक करने की हड़बड़ी की वजह, उनके नियंत्रण में रहने की जरूरत बताई जा रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर येदियुरप्पा अस्पताल में सेटल होने के लिए एक दिन भी ले लेते, तो उनकी जगह लेने को लेकर अटकलें तेज हो जातीं.
इसके लिए उनके पास अपने कारण भी हैं. जब से उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला है, आरएसएस का गुट उन्हें राज्य में पार्टी के फैसले लेने से रोककर उन्हें कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.
सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, “वह अभी 75 साल से ज्यादा के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की छवि पहले से ही सही नहीं है. किसी का कुछ समय के लिए भी उनकी जगह लेना, चीजों को बदतर बना सकता है.''
सीएम ऑफिस ने कहा है, ''अस्पताल में रहने के दौरान, मुख्यमंत्री को मंत्रियों और नौकरशाहों की निगरानी और मार्गदर्शन भी करना होगा.'' उसने कहा कि सीएम की स्वास्थ्य स्थिति अच्छी है और वह जल्दी से नए वातावरण के अनुकूल हो रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined