advertisement
कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन का मुद्दा अब अंतरराष्ट्रीय बन गया है. एक्टिविस्ट मलाला युसफजई ने इस प्रतिबंध को जहां भयावह बताया है, वहीं कई अंतरराष्ट्रीय पब्लिकेशन ने भी इस बैन पर रिपोर्ट किया है.
नोबल पुरस्कार विजेता और एक्टिविस्ट मलाला युसफजई ने ट्वीट कर इस बैन को भयावह बताया. मलाला ने लिखा, "कॉलेज हमें पढ़ाई और हिजाब के बीच में से किसी एक को चुनने के लिए मजबूर कर रहा है. लड़कियों को उनके हिजाब पहनकर स्कूल जाने से मना करना भयावह है. कपड़े कम हों या ज्यादा- महिलाओं को वस्तु समझने के उदाहरण बने रहते हैं. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं के हाशिए पर जाने को रोकना चाहिए."
अल जजीरा ने कर्नाटक के मांड्या से एक लड़की के वायरल वीडियो पर रिपोर्टिंग करते हुए लिखा, "इस्लामिक हेडस्कार्फ पर प्रतिबंध ने मुस्लिम छात्रों को नाराज कर दिया है, जो कहते हैं कि ये भारत के धर्मनिरपेक्ष संविधान में निहित उनकी आस्था पर हमला है, जबकि हिंदू राइटविंग समूहों ने शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश को रोकने की कोशिश कर सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया है."
अल जजीरा ने लिखा कि कर्नाटक राज्य में इस विवाद से अल्पसंख्यक समुदाय के बीच डर पैदा कर दिया है, जिनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार के तहत उत्पीड़न बढ़ रहा है.
BBC ने भी लिखा कि भारत में इस बढ़ते गतिरोध ने अल्पसंख्यक मुसलमानों में भय और गुस्सा बढ़ा दिया है, जो कहते हैं कि देश का संविधान उन्हें अपनी मर्जी के मुताबिक पहनने की स्वतंत्रता देता है.
वॉशिंग्टन पोस्ट ने लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी की सरकार में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और हेट स्पीच में वृद्धि हुई है."
पब्लिकेशन ने आर्टिकल में आगे लिखा, "पिछले एक हफ्ते से राज्य में कुछ हिंदू छात्रों ने भगवा रंग का गमछा पहनना शुरू कर दिया है, जो हिंदू राष्ट्रवादी समूहों का प्रतीक है. उन्होंने मुस्लिम लड़कियों के हिजाब का विरोध करते हुए हिंदू देवताओं को लेकर नारे लगाए, जो भारत के हिंदू बहुसंख्यक और मुस्लिम अल्पसंख्यक के बीच तनाव को दर्शाता है."
द गार्डियन ने लिखा, "दक्षिणी भारत में अधिकारियों ने स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है, क्योंकि मुस्लिम छात्रों को नाराज करने वाले इस्लामिक हेडस्कार्फ पर बैन का विरोध तेज हो गया है. कर्नाटक में इस गतिरोध ने अल्पसंख्यक समुदाय के बीच डर पैदा कर दिया है."
हिजाब बैन का ये मुद्दा कोर्ट पहुंच चुका है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने 9 फरवरी को राज्य में मुस्लिम छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं को एक बड़ी बेच के पास भेजने का फैसला लिया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)