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कर्नाटक के मंगलुरु (Mangaluru) में शनिवार, 19 नवंबर को एक चलती ऑटोरिक्शा में कम तीव्रता का विस्फोट (Karnataka blast) हुआ. इसके बाद कर्नाटक पुलिस ने इस तटीय शहर में एक संदिग्ध आतंकी हमले की जांच शुरू कर दी. पुलिस सूत्रों ने क्विंट को बताया कि क्राइम सीन को देखने के बाद उन्होंने यह पुष्टि की कि यह विस्फोट "एक दुर्घटना नहीं बल्कि आतंकी कार्य था."
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने क्विंट को बताया कि "हमें ऑटो के अंदर पाए गए प्रेशर कुकर में नट और बोल्ट मिले. हमें सर्किट और विस्फोटक भी मिले." केस के आरोपी की पहचान अब शिवमोग्गा में रहने वाले 24 साल के शारिक के रूप में हुई है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी के अनुसार, "उसके संबंध ISIS से प्रभावित आतंकी संगठन अल हिंद से थे."
इस बीच, कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रवीण सूद ने क्विंट को बताया कि कथित तौर पर ऑटो में सवार आरोपी को अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया है. पुलिस के अनुसार आरोपी "40 प्रतिशत जल गया है." पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है क्योंकि आरोपी की हालत स्थिर नहीं होने पर उसकी ICU में गिरफ्तारी नहीं की जाती है.
एक पुलिस सूत्र ने इस बात की पुष्टि की कि शारिक मंगलुरु से नहीं था. सूत्र ने कहा, वह शिवमोग्गा का रहने वाला था और दो अलग-अलग केस में पुलिस को उसकी तलाश थी." आरोपी को 2020 में बेंगलुरु में दिवार पर कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी पेंटिंग/ ग्रैफिटी बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि 15 अगस्त 2020 को शिवमोग्गा में सांप्रदायिक तनाव के एक मामले में आरोपी को "वांटेड" घोषित किया गया था. इस मामले में, शिवमोग्गा में हिंदुत्व विचारक सावरकर के पोस्टर लगने के बाद हुई बहस में कथित तौर पर दो लोगों को चाकू मार दिया गया था.
पुलिस ने दावा किया कि आरोपी ने कथित तौर पर कई लोगों को कट्टरपंथी बनाया. कथित तौर पर शारिक से प्रभावित दो लोगों को रविवार, 20 नवंबर को पुलिस ने उठाया था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि "उन्हें फिलहाल हिरासत में लिया गया है और जांच जारी है."
हालांकि, पुलिस विस्फोट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक पदार्थ की पहचान नहीं कर पाई है. अधिकारी ने कहा, "फॉरेंसिक टीम इसकी जांच कर रही है. विस्फोटक पदार्थों का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन हमने पहचान नहीं की है कि सबूत के तौर पर कौन से विशिष्ट पदार्थ बरामद किए गए हैं."
कर्नाटक के DGP प्रवीण सूद ने क्विंट को बताया, "आरोपी एक सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था जिसे तमिलनाडु में खरीदा गया था." जब क्विंट ने कोयम्बटूर पुलिस से संपर्क किया, तो एक अधिकारी ने कहा, "हमें सूचित किया गया है कि आरोपी द्वारा इस्तेमाल किया गया सिम कार्ड नीलगिरि जिले के ऊटी से खरीदा गया था. हमें किसी गिरफ्तारी या तमिलनाडु से किसी अन्य लिंक के बारे में नहीं बताया गया है."
रविवार को प्रेस से बात करने हुए हुतगी ने दावा किया है कि वह किसी तरह इस मामले से जुड़े नहीं हैं.
पुलिस आरोपी के परिवार से भी संपर्क कर उसकी शिनाख्त कर रही है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, "आरोपी के परिवार के सदस्य अस्पताल पहुंचे जहां वह भर्ती है और उसकी पहचान की."
पुलिस सूत्र ने कहा, "हमने आरोपी से मिले लोगों और उसके ट्रैवल हिस्ट्री का पता लगा लिया है."
मंगलुरु का मामला कोयम्बटूर कार विस्फोट मामले के समान ही है जिसमें एक एलपीजी सिलेंडर फट गया और वाहन चला रहे आरोपी की मौत हो गयी. आरोपी की पहचान बाद में जेम्स मुबीन के रूप में हुई, जिसने कथित तौर पर आतंकी हमले की साजिश रची थी. धमाका अक्टूबर 2022 में हुआ था.
इस बीच, तमिलनाडु पुलिस ने कहा है कि आरोपी राज्य में किसी भी संगठन से जुड़ा नहीं है. एक पुलिस सूत्र ने दावा किया कि हो सकता है प्रतिबंधित संगठन अल हिंद इस मामले में कथित तौर पर आरोपी की मदद की हो.
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