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कर्नाटक के फूड और सिविल सप्लाइज मंत्री उमेश कट्टी मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से लेकर विपक्षी पार्टियों के निशाने पर हैं. वजह है उनका एक बयान. उमेश कट्टी से जब एक किसान ने पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत चावल की सप्लाई बढ़ाने का निवेदन किया तो उन्होंने कथित तौर पर किसान से 'मरने' को कहा.
हालांकि, बाद में कट्टी ने अपना बयान वापस ले लिया और माफी भी मांगी. उन्होंने कहा, "मैं कभी नहीं चाहता कि कोई मर जाए और सब लोग समृद्ध हों."
इसके जवाब में मंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार मई और जून में पांच किलों अनाज देगी." जवाब से संतुष्ट न होने पर किसान ने पूछा कि लोग तब तक क्या व्रत रखें या मर जाएं.
राज्य सरकार ने दक्षिणी कर्नाटक में 2 किलो चावल और 3 किलो रागी और उत्तरी कर्नाटक में 2 किलो चावल और 3 किलो गेंहू या मक्का देने का फैसला किया था.
मंत्री ने बाद में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनका मतलब ये नहीं था कि कोई मर जाए और कर्नाटक के सभी 6.5 करोड़ लोग बचे रहें और समृद्ध हो जाएं.
उमेश कट्टी ने कहा, "अगर कोई ऐसी बात कहता है तो मैं क्या करूं? हम केंद्र के कोटे से 1 से 10 मई तक दे रहे हैं. किसी को नहीं मरना चाहिए और किसी को ऐसे सवाल नहीं करने चाहिए."
मुख्यमंत्री ऑफिस ने एक बयान में बीएस येदियुरप्पा के हवाले से कहा कि वो 'ऐसी टिप्पणी का समर्थन नहीं करते हैं और किसी किसान के 5 किलो चावल मांगने पर मंत्री का ऐसा कहना शोभा नहीं देता.'
येदियुरप्पा ने कहा, "जिन इलाकों में लोगों को गेंहू नहीं चाहिए वहां 5 किलो चावल देने का इंतजाम किया जा रहा है."
कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने मांग की है कि उमेश कट्टी को पद से हटाया जाए. शिवकुमार ने ट्वीट किया, "सीएम येदियुरप्पा को इस असंवेदनशील बयान के लिए तुरंत कट्टी को कैबिनेट से बाहर कर देना चाहिए. क्या इस सरकार को कोई शर्म नहीं है?"
(इनपुट- द न्यूज मिनट)
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