advertisement
करतारपुर कॉरिडोर (kartarpur sahib corridor) बुधवार से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. 19 को गुरू पर्व से पहले ये फैसला आया है. सिख समुदाय के लोग काफी वक्त से करतारपुर कॉरिडोर खोलने की मांग कर रहे थे. इसको लेकर पंजाब बीजेपी के नेता भी प्रधानमंत्री (PM MODI) से मिले थे. जिसके बाद आज करतारपुर के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना होगा जिसमें 250 लोग शामिल होंगे.
कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली हों
RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट देन होगी
रिपोर्ट 72 घंटे से पुरानी ना हो
कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा
वीजा फ्री यात्रा के लिए 10 दिन पहले आवेदन करना होगा
7 किलो से ज्यादा सामान आप नहीं ले जा सकते
11 हजार रुपये से ज्यादा पैसे नहीं रख सकते (भारतीय करंसी)
सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक करतारपुर कॉरिडोर खुला रहेगा
कोरोना के आने के बाद मार्च 2020 में करतारपुर कॉरिडोर बंद कर दिया गया था. जिसे पहली बार 9 नवंबर 2019 में खोला गया था. तब से अब तक करतारपुर कॉरिडोर बंद था. अब एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारा खोल दिया गया है. यहां एक दिन में करीब 5 हजार लोग दर्शन के लिए जा सकते हैं.
ऑनलाइन आवेदन के लिए आधिकारिक prakashpurb550.mha.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा
सबसे पहले अपनी राष्ट्रीयता इंडियन लिखनी होगी
फिर जिस तारीख को यात्रा करना चाहते हैं वो सेलेक्ट करनी होगी
इसके बाद पासपोर्ट और बाकी डिटेल निर्देशानुसार भरनी होंगी
फॉर्म भरते वक्त अपने पासपोर्ट साइज फोटो पासपोर्ट की फ्रंट-बैक फोटो की पीडीएफ फाइल बनाकर रखें, ये अपलोड करनी होगी.
सभी कॉलम भरने के बाद सब्मिट कर दीजिएगा
इसके बाद आपके घर पुलिस वैरिफिकेशन के लिए आएगी, उस वक्त आपको अपलोड किए गए फॉर्म की कॉपी के साथ आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी भी देनी होगी.
यात्रा से चार दिन पहले आपको कन्फर्मेशन का मैसेज और मेल मिल जाएगा.
करतारपुर कॉरिडोर खुलने का फैसला होने के फौरन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ऐलान किया था कि वो अपनी कैबिनेट के साथ करतारपुर में जाकर मत्था टेकेंगे. अब 18 नवंबर को पंजाब की पूरी कैबिनेट करतारपर कॉरिडोर जा रही है.
जब नवंबर 2019 में करतारपुर कॉरिडोर खोला गया, तो उससे पहले और बाद में इस पर खूब राजनीति हुई. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को यहां जाने के लिए विदेश मंत्रालय को तीन बार खत लिखने के बाद मंजूरी मिली. उस वक्त सिद्धू ने कहा था कि अगर भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत सरकार ने उन्हें जाने की इजाजत नहीं देगी तो वो आम नागरिक के तौर पर वैध वीजा लेकर पाकिस्तान जाएंगे.
इसके बाद जब कॉरिडोर शुरू हो गया तो इसका श्रेय लेने के लिए बीजेपी-अकाली और कांग्रेस के बीच खूब जुबानी तीर चले थे.
करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थान है. ये सिखों के पहले गुरु, गुरु नानकदेव का निवास स्थान है और यहीं वो ज्योति लीन हुए. बाबा नानक ने अपनी जिंदगी के आखिरी 17-18 साल यहीं पर गुजारे. करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में है जो इंटरनेशनल बॉर्डर से 4 किमी अंदर है.
कॉरिडोर बनने से पहले तक भारतीय सिख श्रद्धालु डेरा बाबा नानक में बॉर्डर के पास लगी दूरबीन के जरिये इस गुरुघर के दर्शन करते थे. जिसकी देखरेख बीएसएफ के जिम्मे थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)