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कासगंज में सिपाही की हत्या के बाद गंभीर हालत में दरोगा को अलीगढ़ रेफर कर दिया गया है. घायल दरोगा अशोक का वीडियो सामने आया जिसमें वो अस्पताल में बता रहे हैं कि कैसे उन पर हमला किया गया. मुख्य आरोपी मोती धीमर घटना को अंजाम देकर अभी भी फरार है, वहीं पुलिस ने मुठभेड़ में एक शख्स को मार गिराया है, मारे गए बदमाश को धीमर का भाई एलकार बताया जा रहा है. एलकार भी अपने भाई मोती धीमर के साथ था.
कासगंज में हुई ये वारदात कानपुर के बिकरू कांड की याद दिलाती है, बिकरू में माफिया विकास दुबे के यहां दबिश देने गई पुलिस पर हमला कर दिया गया था, इसमें एक सीओ समेत कई पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.
सिपाही और दरोगा पर उस वक्त हमला किया गया था,जब उनकी टीम शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थी, दोनों को मारकर जंगल में फेंक दिया गया था. 4 घंटे से ज्यादा की तलाश के बाद पुलिस दोनों तक पहुंच पाई. इस मामले में शराब माफिया मोती का नाम सामने आ रहा है. पुलिस टीम पर खतरनाक हमला करने के आरोपियों की तलाश तेज हो गई है.
पूरे गांव को पुलिस और पीएसी ने घेर रखा है. माना जा रहा है कि सिपाही और दरोगा पर हमला करने में माफिया मोती और उसके दर्जनों साथी शामिल थे. आगरा के एडीजी अजय आनंद ने बताया कि पुलिस की 6 टीमें गठित कर आरोपियों की तलाश की जा रही है. यह काफी गंभीर प्रकृति का अपराध है. किसी भी हालत में अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा. अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि कासगंज में पुलिस टीम पर हमला करने वाले शराब माफियाओं के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए. साथ ही जल्द से जल्द आरोपियों की तलाश के भी निर्देशा जारी हुए हैं.
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