Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कश्मीर के खाली स्कूल बयां कर रहे कहानी- अभी सब कुछ नहीं हुआ ठीक...

कश्मीर के खाली स्कूल बयां कर रहे कहानी- अभी सब कुछ नहीं हुआ ठीक...

पिछले हफ्ते कश्मीर में स्कूल खोले जाने का हुआ था ऐलान

जहांगीर अली
भारत
Updated:
श्रीनगर के एक स्कूल में खाली पड़े बेंचों की सफाई करती महिला
i
श्रीनगर के एक स्कूल में खाली पड़े बेंचों की सफाई करती महिला
(फोटो: AP)

advertisement

श्रीनगर में हैदरपोरा क्रॉसिंग से कुछ ही दूर एक छोटी सी सड़क जम्मू-कश्मीर के सरकारी गर्ल्स स्कूल की तरफ जाती है. स्कूल का मेन गेट खुला दिखाई पड़ता है, लेकिन करीब 280 बच्चों के इस स्कूल के आस-पास सन्नाटा पसरा है. बच्चों से गूंजने वाला स्कूल शांत है. इस स्कूल में आस-पास के इलाके से बच्चे आते हैं, जिनमें से ज्यादातर प्राइमरी के बच्चे हैं. ये हाल तब हैं जबकि इस एरिया में कोई भी प्रोटेस्ट या फिर हिंसा नहीं हुई.

श्रीनगर के एक स्कूल में सन्नाटे के बीच पार्किंग में खड़ीं स्कूल बसें(फोटो: AP)

बता दें कि पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से लगभग सभी स्कूलों को खोले जाने का आदेश जारी हुआ था. जिसके बाद घाटी और आस-पास के इलाकों के स्कूल खोले गए. लेकिन स्कूल खोलने की घोषणा के बाद स्कूलों के गेट जरूर खुले, स्टाफ भी आया, लेकिन कई दिनों तक बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे. एक स्कूल स्टाफ ने नाम न बताने की शर्त पर बताया,

स्कूल खुलने के बाद हर तरह का स्टाफ लगातार आ रहा है, लेकिन तबसे एक भी बच्चा क्लास अटेंड करने नहीं आया.
श्रीनगर के सुनसान पड़े स्कूल में सफाई करता एक कश्मीरी(फोटो: AP)

आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद से ही कश्मीर और आस-पास के सभी इलाकों में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गईं. सरकार ने इस फैसले के बाद से ही घाटी में आवाजाही पर रोक लगा दी. वहीं सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए. जिनमें प्राइवेट स्कूल भी शामिल थे. जहां पर ज्यादातर कश्मीरी बच्चे पढ़ने आते हैं. कई दिनों तक ये स्कूल किसी हॉन्टेड प्लेस की तरह दिखने लगे थे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

प्रशासन का अलग दावा

हालांकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन का दावा कुछ और कहानी बयां करता है. जिसके मुताबिक स्कूलों में लगातार छात्रों की संख्या में इजाफा हो रहा है. लेकिन जमीनी तौर पर प्रशासन के ये दावे कहीं टिकते नहीं दिख रहे हैं.

रिपोर्टर ने घाटी के करीब 10 स्कूलों में जाकर प्रशासन के दावे को परखने की कोशिश की. इन सभी स्कूलों में से 5 स्कूल श्रीनगर सरकार चलाती है. स्कूलों में जाने पर देखा गया कि सभी में लगभग जीरो अटेंडेंस है.
श्रीनगर में बंद पड़े एक स्कूल के बाहर से गुजरते कश्मीरी बच्चे(फोटो: AP)

कौन लेगा सुरक्षा की गारंटी?

पूरे जम्मू-कश्मीर में स्कूल खोले जाने को हालात में सुधार बताया जा रहा है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि स्कूल खुलने के मतलब ही हालात में सुधार है. लेकिन अभी तक लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर कौन बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगा?

सरकार कहती है कि स्कूल खोलने का मतबल घाटी में सब कुछ सामान्य करने की तरफ बढ़ाया गया एक कदम है. लेकिन बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? कौन उनकी सलामती की गारंटी लेगा?
शबीर भट, निवासी-श्रीनगर

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 26 Aug 2019,09:14 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT