advertisement
केंद्र सरकार का दावा है कि कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद नहीं किया गया है. हालांकि क्विंट के रिपोर्टर शादाब मोइज़ी जब फारूक के घर पहुंचे तो सुरक्षाबलों ने उन्हें फारूक से नहीं मिलने दिया. बता दें कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने फारूक को नजरबंद किए जाने की खबरों को खारिज किया था. उन्होंने संसद में कहा था- ''फारूक अब्दुल्ला जी अपने घर पर हैं. उन्हें नजरबंद नहीं रखा गया है. ना ही उन्हें किसी हिरासत में रखा गया है. वह स्वस्थ हैं, मौज-मस्ती में हैं...उनको नहीं आना है तो गन कनपटी पर रखकर बाहर नहीं ला सकते हम.''
शादाब से बताया कि सुब्रमण्यम ने कश्मीर में मस्जिदों के खुलने को लेकर भी कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि क्विंट के पास जानकारी है कि नौहाटा (श्रीनगर) की जामा मस्जिद में नमाज नहीं हुई है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने 16 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कश्मीर में इस हफ्ते के बाद फिर से स्कूल खुलेंगे. इस मामले पर शादाब ने बताया, ''ये साफ नहीं किया गया है कि कौन से स्कूल (प्राइमरी/सेकेंडरी या हाईर स्कूल) खुलेंगे. कॉलेजों को लेकर भी कुछ साफ-साफ नहीं बताया गया है. हालांकि, ये बताया गया है कि स्कूल इलाकों के हिसाब से खुलेंगे. मतलब जिस इलाके में स्थिति सामान्य होगी, वहां स्कूल खुलेंगे.''
सुब्रमण्यम की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शादाब ने बताया, ''इस बात की जानकारी दी गई है कि कुछ इलाकों में आज (16 अगस्त) रात से टेलिफोन लाइन्स खुलनी शुरू हो जाएंगी. कल से BSNL की सर्विस को भी बहाल करने की कोशिश की जा रही है. टेलिफोन लाइन्स को उन इलाकों में खोला जाएगा, जहां स्थिति सामान्य होगी.''
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुब्रमण्यम ने बताया कि कश्मीर घाटी में 16 अगस्त से सरकारी ऑफिस खुल गए हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि 5 अगस्त से कश्मीर में (कर्फ्यू जैसे हालात के बीच) किसी भी जान नहीं गई है.
ये भी देखें: फारूक का आरोप- मुझे नजरबंद किया, शाह का जवाब- वो तो मौज में हैं
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)