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भारतीय और विदेशी मीडिया में क्यों अलग-अलग दिख रही कश्मीर की तस्वीर

आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले के बाद विदेशी मीडिया की खबरों के मुताबिक कश्मीर में जबरदस्त प्रदर्शन 

आदित्य मेनन
भारत
Updated:
कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के फैसले का विरोध करती महिलाएं 
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कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के फैसले का विरोध करती महिलाएं 
(फोटो : एपी)  

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आर्टिकल 370 हटाने के बाद कश्मीर के हालात पर क्या भारतीय मीडिया सही तस्वीर पेश नहीं कर रहा है? घाटी के हालात पर रिपोर्टिंग के लिए कई विदेशी मीडिया के संवाददाता भी वहां मौजूद हैं लेकिन उनकी खबरों और भारतीय मीडिया की खबरों में जमीन आसमान का अंतर दिख रहा है. भारत के मुख्यधारा के मीडिया की खबरों में घाटी में हालात काबू में दिखाए जा रहे हैं, जबकि विदेशी मीडिया वहां से जुलूस, प्रदर्शन और विरोध की तस्वीरें, वीडियो और खबरें दे रहा है.

9 अगस्त यानी शुक्रवार के दिन रॉयटर्स ने श्रीनगर के अंदरूनी इलाके सौरा में भारी प्रदर्शन की खबरें दी थीं. इसमें कम से कम 10 हजार लोग थे. लेकिन गृह मंत्रालय ने कहा कि रॉयटर्स झूठी रिपोर्टिंग कर रही है. उस प्रदर्शन में महज 20 लोग शामिल थे.

बीबीसी के वीडियो में हालात की दूसरी तस्वीर

हालांकि बीबीसी के वीडियो में साफ दिख रहा था कि बड़ी तादाद में लोग झंडे लहरा रहे हैं. नारे लगा रहे हैं. वीडियो में यह दिख रहा था कि प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बल फायरिंग कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस वीडियो की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि यह पहले का वीडियो हो सकता है या फिर पाक अधिकृत कश्मीर का. लेकिन वीडियो में एक जगह रमजान मेमोरियल दिख रही थी, जो श्रीनगर के सौरा इलाके में ही मौजूद है. साथ ही लोग आर्टिकल 370 हटाए जाने के विरोध में बैनर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इनमें लिखा था- ‘Abrogation of Article 370 Not Acceptable for Us’,. साफ था कि आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ लोगों में गुस्सा भरा हुआ है.

अल जजीरा के वीडियो में भी प्रदर्शन करते दिखे कश्मीरी

अल जजीरा ने भी इस विरोध प्रदर्शन को रिपोर्ट की थी. उसका भी कहना था कि प्रदर्शन में हजारों लोग थे. इसमें 10 हजार लोगों के होने की बात की गई थी. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने कहा कि 300 से ज्यादा लोग नहीं थे.

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क्या भारतीय मीडिया खबरों को ब्लैकआउट कर रहा है?

लेकिन लगता है कि सभी भारतीय न्यूज चैनलों ने इस खबर को ब्लैकआउट कर दिया. एएनआई (Asian News International) के वीडियो में दिखाया गया कि श्रीनगर में एटीएम खुले हुए हैं और लोग पैसे निकाल रहे हैं. एएनआई के जो वीडियो आ रहे हैं उनमें घाटी में हालात सामान्य दिखाए जा रहे हैं. डलगेट इलाके में गाड़ियां चलती दिखाई गईं. लोग घरों से बाहर निकले हुए थे.

उसी दिन एएनआई ने एक और वीडियो पोस्ट किया, जिसमें नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल अनंतनाग में बकरीद के मौके पर भेड़ बेचने वाले लोगों से बात करते दिख रहे हैं. अनंतनाग सबसे ज्यादा आतंकी गतिविधियों वाले इलाकों में एक है. वीडियो के अलावा भी एएनआई जो तस्वीरें भेज रही है. उनमें हालात सामान्य दिखाए जा रहे हैं. लेकिन इन तस्वीरों में दुकानें पूरी तरह बंद नजर आ रही हैं.

पीटीआई की तस्वीरों से बयां हो रहे हैं असली हालात

पीटीआई ने जो तस्वीरें भेजी हैं.उनसे भी पता चलता है कि सही हालात बयां नहीं किए जा रहे हैं. इस तस्वीर में श्रीनगर का दिल माने जाने वाला लाल चौक दिखाया गया है जो पूरी तरह वीरान दिख रहा है. कंटीले तार की तस्वीर साफ बताती है कि श्रीनगर पूरी तरह बंद है.

फोटो : पीटीआई 

दूसरी तस्वीर में बाजार पूरी तरह बंद है सिर्फ एक कश्मीरी और सुरक्षा बल के दो जवान दिख रहे हैं. दूसरी ओर विदेशी मीडिया तस्वीर का दूसरा पहलू दिखा रहे हैं.

फोटो : पीटीआई 

एसोसिएटेड प्रेस ने घाटी में गुस्साए लोगों के प्रदर्शन जारी की है. बीबीसी के वीडियो की तरही ही इसमें भी आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ नारों के बैनर उठाए लोग दिख रहे हैं. इसमें भी भारी तादाद में प्रदर्शनकारी मौजूद हैं.

फोटो : एपी 

एक और तस्वीर में आर्टिकल 370 हटाने के फैसले के खिलाफ कश्मीरी महिलाएं प्रदर्शन करती दिख रही हैं.

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Published: 11 Aug 2019,03:37 PM IST

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