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उत्तराखंड में बाबा केदारनाथ (Kedarnath Yatra) के कपाट खुलते ही भक्तों का भारी सैलाब दर्शन के लिए उमड़ पड़ा है. इससे पहले केदारनाथ धाम में आस्था का ऐसा सैलाब पहले कभी देखा नहीं गया. बाबा केदार के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ रही है.
दर्शन के लिए इतनी भीड़ है कि धाम में करीब 3 किलोमीटर दूर तक भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. भक्त कई-कई घंटों के इंतजार के बाद भी दर्शन नहीं कर पा रहे हैं.
लंबी लाइनों के अलावा यात्रा पड़ावों में भी जगह-जगह तीर्थयात्रियों भीड़ है. केदारनाथ मंदिर परिसर से लेकर हेलीपैड से भी आगे तक लोगों की लाइन है. केदारनाथ आपदा के बाद से धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है. साल 2019 की यात्रा में दस लाख से भी ज्यादा तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए थे, इसके बाद दो साल तक कोरोना महामारी ने यात्रा को बाधित कर दिया था.
रविवार, 8 मई को सोनप्रयाग और केदारनाथ धाम की जो तस्वीरें सामने आयी है, उससे यही प्रतीत होता है कि भक्तों की बाबा के प्रति अटूट आस्था है.
केदारनाथ यात्रा के शुरू में ही प्रशासन की तैयारियों की पोल भी खुल गयी है. तीन दिनों से केदारनाथ यात्रा के फाटा, मैखण्डा व शेरसी क्षेत्र में बिजली की सप्लाई न होने से होटल कारोबारियों के व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है. बिजली न होने के चलते तीर्थ यात्री भी कमरा लेने से कतरा रहे हैं.
बिजली सप्लाई बाधित होने से नेटवर्क की व्यवस्था भी गड़बड़ा गई है. एक ओर यात्रा पड़ाव में बिजली नहीं है, तो दूसरी ओर मोबाइल में नेटवर्क न होने के कारण तीर्थयात्री परेशानी में हैं.
स्थानीय लोगों का मानना है कि धाम में इस बार श्रृद्धालुओ का रैला टूट पडा है. आपदा के बाद जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट केदार पुरी रहा है, उससे ये जनसैलाब भी बढ़ा है. स्थानीय लोग कहते हैं कि पिछले दो सालों से हम बेरोजगारी में दिन गुजार रहे थे, लेकिन अब हमें अच्छी आमदनी की आशा भी बन पड़ी है. हालांकि इतनी भीड़ से अव्यवस्था भी फैल रही है. Nanital, Rishikesh, Haridwar, Mussoorie जैसे पर्यटक स्थलों भी क्षमता से ज्यादा सैलानी पहुंचे हैं.
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