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केरल (Kerala) के कोच्चि (Kochi) में कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (CMRL) और इसके प्रबंध निदेशक शशिधरन कर्ता (Sasidharan Kartha) द्वारा दायर एक सैटेलमेंट एप्लीकेशन के संबंध में सेंट्रल बोर्ड ऑफ टैक्सेज के तहत अंतरिम बोर्ड की एक रिपोर्ट आई है. इसके बाद केरल की राजनीति गरमा गई है. रिपोर्ट में राजनेताओं, राजनीतिक दलों, पुलिस अधिकारियों, मीडिया घरानों, पत्रकारों और अन्य लोगों को "व्यवसाय को सही ढंग से चलाने" के लिए किए गए कथित भुगतान की जानकारी दी गई है.
Indian Express के मुताबिक इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा टी को कथित तौर पर किए गए 1.72 करोड़ रुपये के "अवैध भुगतान" की भी जानकारी दी गई है.
आयकर विभाग के नतीजों के बारे में रिपोर्ट में कथित तौर पर पिनाराई विजयन, पूर्व सीएम और दिवंगत कांग्रेस नेता ओमन चांडी, वरिष्ठ कांग्रेस विधायक रमेश चेन्निथला और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता पीके कुन्हालीकुट्टी और वीके इब्राहिम कुंजू को किए गए भुगतान की भी जानकारी है.
मिनरल प्रोसेसिंग और निर्यात करने वाली कंपनी CMRL के खिलाफ मामला 2019 में कंपनी, उसके प्रबंध निदेशक कार्था और कंपनी के अन्य सीनियर अधिकारियों के परिसरों पर हुई आयकर तलाशी से सामने आया. तलाशी में कथित तौर पर बेहिसाब धन और विभिन्न लोगों को किए गए भुगतान के बारे में मालूम चला.
2020 में CMRL और कार्था ने असेसमेंट इयर 2013-14 से 2019-20 के लिए नई दिल्ली में सैटेलमेंट एप्लीकेशन बोर्ड के समक्ष एक सैटेलमेंट एप्लीकेशन दायर किया था. CMRL और कार्था ने आयकर अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत अभियोजन और दंड से छूट की मांग की थी.
इस साल जून में अपनी रिपोर्ट में सैटेलमेंट एप्लीकेशन बोर्ड ने CMRL और कार्था को इस शर्त के साथ छूट दी कि अगर उन्हें कार्यवाही के संबंध में कोई तथ्य या सबूत छिपाते हुए पाया गया तो छूट वापस ले ली जाएगी.
आयकर विभाग (IT) ने कहा कि...
करथा का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि भुगतान "कंपनी को दैनिक आधार पर सही ढंग से चलाने के लिए" किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक पिनाराई विजयन की बेटी वीणा को सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन प्रदान करने के बहाने कथित तौर पर 2017-18 से 2019-20 तक 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. इसमें कहा गया कि यह भुगतान अवैध था क्योंकि वीना की कंपनी Exalogic Solutions Private Limited ने खोज के दौरान इकट्ठा किए गए सबूतों के मुताबिक कथित तौर पर CMRL को कोई सॉफ्टवेयर सेवा प्रदान नहीं की थी.
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि CMRL के सीनियर कर्मचारियों ने आईटी को बताया था कि वीना की कंपनी ने कंपनी को कोई सॉफ्टवेयर सेवा नहीं दी थी.
हालांकि, 2017 में CMRL ने 3 लाख रुपये के मासिक पारिश्रमिक के साथ सॉफ्टवेयर के विकास और प्रबंधन के लिए एक्सलॉजिक के साथ एक सेवा-स्तरीय समझौता किया था. आईटी को एक और डॉक्यूमेंट मिला था, जिसमें दिखाया गया था कि CMRL ने वीना को 2017 से 5 लाख रुपये के मासिक पारिश्रमिक पर एक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था.
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