Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने आईं 10 महिलाओं को पुलिस ने भेजा वापस

सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने आईं 10 महिलाओं को पुलिस ने भेजा वापस

आंध्र प्रदेश से सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने आई 10 महिलाओं को केरल पुलिस ने वापस भेज दिया है.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
16 नंवबर की शाम को खुलेगा सबरीमाला मंदिर 
i
16 नंवबर की शाम को खुलेगा सबरीमाला मंदिर 
(फोटो: द न्यूज मिनट) 

advertisement

केरल स्थित सबरीमाला मंदिर 16 नवंबर की शाम को मंडला पूजा के लिए खुल चुका है. इस दौरान सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने आई 10 महिलाओं को केरल पुलिस ने वापस भेज दिया है.

रोकी गई महिलाओं में से तीन आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से आई थीं. ये तीनों श्रद्धालुओं के पहले जत्थे का हिस्सा थीं, जिन्हें पुलिस द्वारा पंबा बेस कैंप में पहचान पत्र देखने के बाद रोक दिया गया. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को शक था कि तीनों महिलाओं की उम्र 10-50 वर्ष आयुवर्ग के बीच थी, इसलिए उन्हें उनके समूह से अलग कर दिया गया.

मंदिर में शनिवार को रही शांति

एक साल पहले किले में तब्दील रहे प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में शनिवार को शांति रही.इस बार यहां कोई निषेधाज्ञा लागू नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने बहुमत के एक फैसले में सबरीमाला से जुड़ी समीक्षा याचिकाओं को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया. लेकिन उसने कहा कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले 28 सितंबर, 2018 के उसके आदेश पर रोक नहीं है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने 28 सितंबर, 2018 को 4-1 के बहुमत से सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान को गलत ठहराया था, जिसके तहत सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की आयु वाली महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी.

इस रोक को लेकर कोर्ट में दलील दी गई थी कि सबरीमाला मंदिर में ब्रह्मचारी देव हैं और इसी वजह से तय आयुवर्ग की महिलाओं की एंट्री पर बैन है.

इस बार केरल सरकार ने साफ किया है कि वह महिलाओं को दर्शन के लिए मंदिर में ले जाने के लिए कोई कोशिश नहीं करेगी.

पिछले साल पुलिस ने महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की थी, जिसका दक्षिणपंथी ताकतों के कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 16 Nov 2019,04:28 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT