Khargone Violence: हिंदू-मुस्लिम दोनों को हिंसा में मिले जख्म

Khargone Violence में कई घर और दुकानें जला दी गई

विष्णुकांत तिवारी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Khargone Violence Ground Report: हिंसा के शिकार लोग किस हाल में हैं ?</p></div>
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Khargone Violence Ground Report: हिंसा के शिकार लोग किस हाल में हैं ?

(फोटो- स्क्रीनग्रैब)

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10 अप्रैल को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन में हुई हिंसा (Khargone Violence) ने मुस्लिम और हिंदू समुदायों के लिए काफी कुछ बदल दिया है. हिंसा में कई घर और दुकानें जला दी गई. दोनों समुदायों के कई परिवार बेघर हो चुके हैं. खरगोन में हुई हिंसा ने हिंदुओं और मुसलमानों दोनों को जख्म दिए हैं. पीड़ितों को अब मदद की उम्मीद है, जिससे कि उनकी जिंदगी वापस पटरी पर लौट सके.

'रामभक्त क्यों बचानें नहीं आए ?'

खरगोन से क्विंट के ग्राउंड रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं. संजय नगर निवासी संगीता जाधव का कहना है कि हिंसा के दौरान दंगाइयों ने लोगों के घर लूटे और फिर आग लगा दी. घरों में खाने तक के लिए कुछ नहीं बचा है. प्रशासन के लोग बस देखकर चले गए. हमारे नुकसान की भरपाई कौन करेगा? इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि जुलूस निकालने वाले राम भक्तों ने हमें क्यों नहीं बचाया?

'जान बचाते या तो घर'

राम नवमी पर हुए दंगों को याद करते हुए संजय नगर के रहने वाले मोहम्मद अकबर बताते हैं कि दंगाई तलवार और धारदार हथियार लेकर आए थे. दंगाइयों ने घरों में आग लगा दिया था. जान बचाने के लिए हमें भागना पड़ा.

'दंगाइयों ने लूटे घर'

पीड़ितों का कहना है कि हिंसा के दौरान दंगाइयों ने लोगों के घर लूटे. रमेश जाधव का कहना है कि हमारा बहुत नुकसान हो गया है. बदन पर सिर्फ कपड़े बचे हैं बाकि सब कुछ लूट लिया गया है. खाने-पीने तक के लिए हमारे पर कुछ नहीं बचा है.

राम नवमी के दिन क्या हुआ था?

रविवार 10 अप्रैल को जब राम नवमी के मौके पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी. इस दौरान तथाकथित रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उस यात्रा में बज रहे गानों पर आपत्ति जताई. जिसके बाद विवाद बढ़ गया. सांप्रदायिक हिंसा में आगजनी और पथराव हुआ था, जिसके कारण शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. हिंसा में कई लोग घायल हुए थे. यहां तक कि पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को पैर में गोली भी लगी थी.

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Published: 19 Apr 2022,10:21 AM IST

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